Thursday, January 6, 2011

राष्ट्रपति के फोटो

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल गोवा गईं और बीच पर भी जाकर वहाँ के माहौल को देखा तो इसमें क्या गलत था? और इस बीच भ्रमण के जो फोटोग्राफ छपे उनमें कुछ भी  अभद्र नहीं था। पर गोवा पुलिस ने फोटोग्राफरों को बुलाकर नैतिकता को जो पाठ बढ़ाया वह अभद्र ज़रूर था।


बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन का यह फोटो
1998 का है उस वक्त क्लिंटन राष्ट्रपति थे।   
गोवा पुलिस को भी इन फोटोग्राफ्स में कुछ अभद्रता नहीं लगी। उन्हें केवल यह खराब लगा कि पृष्ठभूमि में विदेशी पर्यटक खास तौर से बिकनी धारी महिलाएं क्यों नज़र आईं । पता नहीं राष्ट्रपति की इस बारे में क्या राय है, पर शायद वे भी इन्हें सामान्य फोटोग्राफ मानें। हम अपने नेताओं का सम्मान करें, यह ठीक है, पर उन्हें अलौकिक और किसी दूसरे ग्रह का प्राणी न बनाएं तो बेहतर। फिलहाल आप कुछ विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के चित्रों को भी देखें। बेशक हमारी और पश्चिमी देशों की संवेदनशीलता एक सी नहीं है, पर हम इतने छुई-मुई भी तो नहीं हैं।

सम्भव है कि राष्ट्रपति ने स्वयं इस माले में कोई आपत्ति व्यक्त न की हो। लगता है कि पुलिस या महाराष्ट्र सरकार में किसी को यह अभद्र लगा है। टेलीग्राफ की रपट के अनुसारः-

 A Rashtrapati Bhavan source in Delhi said it had nothing to do with the police enquiries. It’s not known if the President is annoyed at being clicked, but her sudden visit did cause a stir and sent some celebrity guests scurrying back into the hotel.






टेलीग्राफ की रपट पढ़ें

7 comments:

  1. जोशी जी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को मेरे ख्याल से ऐसा नहीं करना चाहिए था...खासकर तब जब देश और समाज शर्मनाक भ्रष्टाचार और चारित्रिक पतन से नरक बन चुका है.......जब आप किसी देश के सर्वोच्च पद पर बैठते हैं तो आपका अपना सुख दुःख कुछ नहीं होता बल्कि देश वासियों का दुःख तकलीफ ही आपका दुःख होता है......लेकिन देश वाशी कराह रहें हों और राष्ट्रपति गोवा की सैर कर रहें हो.....इसे शर्मनाक और घोर असंवेदनशीलता ही कहा जायेगा..... प्रतिभा पाटिल किसी भी तरह से राष्ट्रपति के योग्य नहीं हैं.....

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  2. Anonymous7:38 PM

    हंगामा है क्यू बरपा ........

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  3. तो क्या बीच पर साड़ी और बुर्के देखने की उम्मीद कर रही थीं प्रतिभा पाटिल?

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  4. बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !

    आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

    आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - बूझो तो जाने - ठंड बढ़ी या ग़रीबी - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा

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  5. शुकदेव महाराज की दृष्टि की ज़रूरत है

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  6. फोटोग्राफरों का फोटो खींचना तो गलत नहीं था.परन्तु राष्ट्रपति द्वारा सैर-सपाटा करना ज़रूर गलत था.

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