शुक्रवार की राज संसद में
लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमाम
बातों के अलावा मॉब लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र भी किया है। उन्होंने कहा, मॉब
लिंचिंग की घटनाएं निंदनीय हैं। इसके पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में
कहा कि यह सच है कि देश के कई भागों में लिंचिंग के घटनाओं में कई लोगों की जान गई,
लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। लिंचिंग के कारण जिनकी भी मौत हुई उसकी मैं
सरकार की ओर से कड़ी निंदा करता हूं।
अखबारों के पन्नों में लगभग
रोज मॉब लिंचिंग की खबरें दिखाई पड़ रहीं हैं। पर सामाजिक कायर्कर्ता स्वामी
अग्निवेश पर झारखंड में हुए हमले ने परेशान कर दिया है। यह हमला निजी रंजिश के
कारण नहीं, वैचारिक कारणों से हुआ था। ज्यादातर हिंसा अफवाहों के कारण हो रहीं
हैं, पर यह हिंसा अफवाह के कारण नहीं थी। इस मामले में पुलिस की बेरुखी भी चिंता
का बड़ा कारण है। हमले के बाद अग्निवेश ने कहा कि उनके आने की सूचना पुलिस और
प्रशासन को दी गई थी। 79 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति की पगड़ी उतार कर पीटा गया।
कपड़े तार-तार कर दिए गए। यह कैसा देश है और कैसी संस्कृति और समाज है, जो यह सब
होते हुए देख रहा है?