Tuesday, April 23, 2013
हमारी निष्क्रियता हमारे पाखंड
Monday, April 22, 2013
गूगल का अर्थ डे डूडल
आज 22 अप्रेल है पृथ्वी दिवस। हम धीरे-धीरे महसूस कर रहे हैं अपनी धरती के महत्व को। इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने अपने लोगो का रचनात्मक इस्तेमाल जानकारी बढ़ाने के लिए किया है। आज उसका डूडल धरती के क्रिया-कलाप की जानकारी बड़े रोचक अंदाज़ में देता है। गूगल डूडल के बारे में मैं पहले भी लिखता आया हूँ। आपने भी ध्यान दिया होगा कि गूगल बड़े रोचक ढंग से इसका इस्तेमाल कर रहा है। मैने नीचे अपनी कुछ पुरानी पोस्ट के लिंक भी दिए हैं, जिनमें इस बात को रेखांकित किया था। कुछ लोगों ने गूगल की तर्ज पर लोगो बनाने शुरू कर कर दिए हैं।लोगूगल ऐसी ही साइट है।
गूगल ने उगाया अपना डूडल
सन 2012 का गूगल डूडल एनीमेटेड था। पर गूगल ने इस एनीमेशन को कम्प्यूटर पर तैयार करने के बजाय अच्छी तरह उगाया था। उस उगाने का रोचक विवरण पढ़ें यहाँ
डूडल का आयडिया कहाँ से आया और कैसे विकसित हुआ यहाँ पढ़ें
गूगल डूडल्स
डूडल फॉर गूगल प्रतियोगिता
गूगल पर अनंत पै
गूगल लोगो के बारे में पढ़ें विकीपीडिया में
गूगल ने उगाया अपना डूडल
सन 2012 का गूगल डूडल एनीमेटेड था। पर गूगल ने इस एनीमेशन को कम्प्यूटर पर तैयार करने के बजाय अच्छी तरह उगाया था। उस उगाने का रोचक विवरण पढ़ें यहाँ
डूडल का आयडिया कहाँ से आया और कैसे विकसित हुआ यहाँ पढ़ें
गूगल डूडल्स
डूडल फॉर गूगल प्रतियोगिता
गूगल पर अनंत पै
गूगल लोगो के बारे में पढ़ें विकीपीडिया में
ब्रेक के बाद... और अब वक्त है राजनीतिक घमासान का
बजट सत्र का उत्तरार्ध शुरू होने के ठीक पहले मुलायम सिंह ने माँग की है कि यूपीए सरकार को चलते रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। उधर मायावती ने लोकसभा के 39 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। दोनों पार्टियाँ चाहेंगी तो चुनाव के नगाड़े बजने लगेंगे। उधर टूजी मामले पर बनी जेपीसी की रपट कांग्रेस और डीएमके के बाकी बचे सद्भाव को खत्म करने जा रही है। कोयला मामले में सीबीआई की रपट में हस्तक्षेप करने का मामला कांग्रेस के गले में हड्डी बन जाएगा। संसद का यह सत्र 10 मई को खत्म होगा। तब तक कर्नाटक के चुनाव परिणाम सामने आ जाएंगे। भाजपा के भीतर नरेन्द्र मोदी को लेकर जो भीतरी द्वंद चल रहा है वह भी इस चुनाव परिणाम के बाद किसी तार्किक परिणति तक पहुँचेगा। राजनीति का रथ एकबार फिर से ढलान पर उतरने जा रहा है।
Sunday, April 21, 2013
पाकिस्तानी न्यायपालिका में इतनी हिम्मत कहाँ से आई?
पप्पू बनाम फेकू यानी ट्विटरगढ़ की जंग
इस महीने चार अप्रेल
को राहुल गांधी के सीआईआई भाषण के बाद ट्विटर पर पप्पूसीआईआई के नाम से कुछ हैंडल तैयार
हो गए। इसके बाद 8 अप्रेल को नरेन्द्र मोदी की फिक्की वार्ता के बाद फेकूइंडिया जैसे
कुछ हैंडल तैयार हो गए। पप्पू और फेकू का संग्राम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुँच गया
और तमाम अंतरराष्ट्रीय वैबसाइटों पर पप्पू और फेकू का मतलब बताने वालों की लाइन लगी
रही। ट्विटर से फेसबुक पर और फेसबुक से ब्लॉगों पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है।
लगता है अगली चुनावी लड़ाई सोशल मीडिया पर ही लड़ी जाएगी। वोटरों, लेखकों और पत्रकारों
के नज़रिए से देखें तो ऐसा ही लगता है। पर राजनेता शायद अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं।
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