Saturday, October 8, 2016

वाजपेयी का नेहरू पर प्रहार क्या देशद्रोह था?

क्या भारतीय सेना और सरकार के कदमों पर उँगली उठाना देशद्रोह है? शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के संवाददाता सम्मेलन के बाद हमारे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर इस बात को लेकर जो बहस शुरू हुई थी वह अब भी जारी है। इस सिलसिले में कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर ने सन 1962 के चीन युद्ध के समय राज्यसभा में अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार की जो आलोचना की थी उसका उल्लेख करते हुए कहा कि क्या अटल बिहारी वाजपेयी देशद्रोही साबित हुए? 8 नवम्बर 1962 की यह बहस सरकार की और से लाए गए आपातकाल प्रस्ताव के संदर्भ में शुरू हुई थी। इसमें वाजपेयी ने सवाल किया कि क्या नेहरू जी को पता था कि हमारी सेना नेफा में हमले का सामना करने के लिए तैयार थी? चीन ने पहली हमला 5 सितम्बर को और फिर दूसरा हमला 22 अक्तूबर को किया। इस बीच हमने तैयारी क्यों नहीं की? सेना की तैयारी क्यों नहीं थी और सैनिकों के पास पर्याप्त उपकरण क्यों नहीं थे? नेहरू जी ने विदेश यात्रा से लौटने के बाद चीन पर हमला करने का फैसला क्यों किया?

मणिशंकर अय्यर वाजपेयी के इस बयान का जिक्र पहले भी कर चुके हैं। सन 1962 में वाजपेयी ने नेहरू से कहा था कि राज्यसभा का सत्र बुलाया जाए। नेहरू ने इसे स्वीकार किया और वाजपेयी को निर्बाध बोलने का मौका दिया गया। उस दिन की राज्यसभा की कार्यवाही के दस्तावेजों में से मैने उस चर्चा के अंशों को निकाला है। ये कुछ पन्ने हैं सभी पन्ने यहाँ मिलेंगे








वाजपेयी के उस दिन के पूरे भाषण को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

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