पेट्रोल
की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पहले से विरोधी दलों की मार झेल रही थी कि पर्यटन
राज्यमंत्री केजे अल्फोंस के बयान ने आग में घी डाल दिया है. ब्यूरोक्रेट से
राजनेता बने अल्फोंस शब्दवाण के महत्व को समझ नहीं पाए.
वे
कहते कि पेट्रोल के खरीदार अर्थव्यवस्था के मददगार बनें तो उस बात को दूसरे अंदाज
में लिया जाता, पर उन्होंने कहा, पेट्रोल खरीदने वाले भूखे नहीं मर रहे हैं. केवल
लहजे के कारण उन्होंने बात बिगाड़ ली.
बयान
देना भी कला है
कीमतों
को सही ठहराने के पीछे उनकी मंशा कितनी भी सही क्यों न हो, इस तंज को पसंद नहीं
किया जाएगा. अलफोंस काबिल अफसर रहे हैं और मंत्री के रूप में उनकी छवि भी अच्छी
है, पर उन्हें समझना होगा कि राजनीति में साफगोई की सीमाएं हैं.
कुछ
दिन पहले ही बीफ को लेकर उन्होंने ऐसा ही एक बयान दिया था, जिसे लेकर सोशल मीडिया
में हलचल मची रही. उन्होंने कहा था, विदेशी
पर्यटक भारत आना चाहते हैं तो वे अपने देश में ही बीफ खाकर आएं.