दिल्ली सरकार से हटाए गए कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी के गले की हड्डी साबित हो रहे हैं. पिछले दसेक दिनों में वे पार्टी और व्यक्तिगत रूप से अरविंद केजरीवाल पर आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं. और केजरीवाल उन्हें सुन रहे हैं.
आश्चर्य इन आरोपों पर नहीं है. आरोप लगाने से केजरीवाल बेईमान साबित नहीं हो जाते हैं. सवाल है कि केजरीवाल खामोश क्यों हैं? क्या वे इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कपिल मिश्रा का सारा गोला-बारूद खत्म हो जाए? या उन्हें राजनीति में किसी नए मोड़ का इंतजार है?
आश्चर्य इन आरोपों पर नहीं है. आरोप लगाने से केजरीवाल बेईमान साबित नहीं हो जाते हैं. सवाल है कि केजरीवाल खामोश क्यों हैं? क्या वे इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कपिल मिश्रा का सारा गोला-बारूद खत्म हो जाए? या उन्हें राजनीति में किसी नए मोड़ का इंतजार है?