Sunday, August 18, 2013

सदाचार भी इसी राजनीति में है

जोनाथन स्विफ्ट ने लिखा है, 'दुनिया जिसे राजनीति के नाम से जानती है वह केवल भ्रष्टाचार है और कुछ नहीं।' सत्रहवीं-अठारहवीं सदी के इंग्लैंड में राजनीतिक व्यवस्था बन ही रही थी। पत्रकारिता जन्म ले रही थी। उन दिनों विमर्श पैम्फलेट्स के मार्फत होता था। आपने गुलीवर की यात्राएं पढ़ी होंगी, उसके लेखक जोनाथन स्विफ्ट। स्विफ्ट अपने दौर के श्रेष्ठ पैम्फलेटीयर थे। वह भी नई विधा थी। स्विफ्ट ने उस दौर की दोनों महत्वपूर्ण पार्टियों टोरी और ह्विग के लिए पर्चे लिखे थे। वे श्रेष्ठ व्यंग्य लेखक थे। अखबारों में सम्पादकीय लेखन के सूत्रधार थे, बल्कि पहले सम्पादकीय लेखक थे। तकरीबन तीन सौ साल पहले उनकी राजनीति के बारे में ऐसी राय थी।

सत्ता-केन्द्र कांग्रेस-भाजपा ही रहेंगे

हमारे देश में चुनाव पूर्व सर्वेक्षण तमाम कारणों से विश्वसनीय नहीं होते। फिर भी वे सच के करीब होते हैं। सर्वेक्षणों के संचालक अक्सर अपने दृष्टिकोण आरोपित करते हैं। फिर भी धीरे-धीरे यह राय बन रही है कि सन 2014 के चुनाव परिणामों कैसे होंगे। मोटा निष्कर्ष है कि न तो यूपीए को और न एनडीए को कोई खास फायदा होगा। शायद क्षेत्रीय दलों को कुछ लाभ हो। वह भी कितना और कैसा होगा इसे लेकर भ्रम है। इस साल जनवरी में हुए इंडिया टुडे-नील्सन और एबीपी न्यूज-नील्सन के 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे के अनुसार देश में आज चुनाव हों तो भाजपा की अगुआई वाला एनडीए कांग्रेस के नेतृत्व में सत्तारूढ़ यूपीए-2 पर भारी पड़ेगा। फिर मई में कुछ सर्वेक्षणों से यह बात उभर कर आई कि कांग्रेस हार जाएगी। मतलब नहीं कि भाजपा जीत जाएगी। मतलब सिर्फ इतना है कि जनता आज के हालात से नाराज़ है।

Friday, August 16, 2013

प्रधानमंत्री बनाम मोदी पर मीडिया

प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश के जवाब में नरेन्द्र मोदी के भाषण के बारे में अखबारों की कवरेज में खासी विविधता है। स्वतंत्रता दिवस का अवकाश होने के कारण देश के कई इलाकों में अखबार नहीं निकले, इसलिए उस स्तर पर कवरेज नहीं हुई जितनी सामान्य दिनों में होती है। दो-तीन बातें मुझे समझ में आईं जिनका विवरण मैं देना चाहता हूँ।

1. इस विषय पर सम्पादकीय टिप्पणी केवल अंग्रेजी के कुछ अखबारों में देखने को मिली। हिन्दी के अखबार ऐसे विषयों पर सम्पादकीय लिखने से बचते हैं, जिनमें राजनीतिक जोखिम हो।

2. हिन्दी के अखबारों ने पेज एक पर खबर देने में भी सावधानी बरती है। अलबत्ता नवभारत टाइम्स और हिन्दुस्तान ने लगभग एक जैसे शीर्षक के साथ खबर दी है। नवभारत टाइम्स की लीड है 'अटैक कर घिर गए मोदी।' हिन्दुस्तान में लीड के साथ जुड़ी खबर है 'पीएम पर टिप्पणी करके चौतरफा घिर गए मोदी।' दैनिक जागरण की लीड है 'जश्न के मौके पर सियासी जंग।'इन सभी अखबारों ने प्रधानमंत्री के संबोधन पर औपचारिक सम्पादकीय हैं।

3. बिजनेस दैनिक मिंट की लीड का शीर्षक है, 'Study in contrast/ I-day speeches set stage for 2014' मुम्बई के डीएनए की नीति सम्पादकीय पेज छापने की नहीं है। उसने दोनों के वक्तव्यों को आमने-सामने रखकर एक ग्रैफिक दिया है।



Thursday, August 15, 2013

राष्ट्र के नाम संदेश बनाम राजनीतिक संदेश

राष्ट्रीय संबोधनों का राजनीतिक तमाशा

 गुरुवार, 15 अगस्त, 2013 को 18:42 IST तक के समाचार
narendra modi
साल 2001 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह जिला मुख्यालयों पर आयोजित करते आ रहे हैं.
इस बार यह समारोह कच्छ जिला मुख्यालय भुज के लालन कॉलेज कैंपस में हुआ. वे पहले भी प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस भाषणों की समीक्षा इस प्रकार करते रहे हैं, जैसी इस बार की. पर इस बार उन्होंने ख़बरदार करके यह हमला बोला है.
क्या यह एक नई परंपरा पड़ने जा रही है? केंद्र सरकार और केंद्रीय राजनीतिक शक्ति के साथ असहमतियाँ आने वाले समय में कम नहीं बल्कि ज़्यादा ही होंगी. ऐसे में क्या स्वतंत्रता दिवस के संबोधनों को राजनीतिक संबोधनों के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए. लेकिन लगता है कि लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस का संबोधन राजनीति से नहीं बच पाएगा.
मनमोहन सिंह यों भी सार्वजनिक सभाओं के लिहाज़ से अच्छे वक्ता नहीं हैं. ग्रासरूट राजनीति का उनका अनुभव नहीं है. उनके मुकाबले नरेंद्र मोदी शुरू से जमीन पर काम करते रहे हैं. उनके पास जनता को लुभाने वाले मुहावरे और लच्छेदार भाषा है. वे खांटी देसी अंदाज़ में बोलते हैं.

भारतीय स्वतंत्रता दिवस का गूगल लोगो

भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर 2013 का लोगो
                                         

आज आपने जब गूगल खोला होगा, तब आपको जो डूडल दिखाई पड़ा वह भारत पर था। भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर गूगल पिछले कई साल से डूडल दे रहा है। गूगल ने दुनिया भर की महत्वपूर्ण तिथियों की याद दिलाने का यह अभिनव तरीका खोजा है। केवल भारत का ही नहीं कल गगूल ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस भी डूडल दिया था।
भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2012 का लोगो


Google-Doodle
इस साल यानी 14 अगस्त 2013 को गूगल ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर जो डूडल जारी किया उसमें पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु मार्खोर नजर आता है और पृष्ठभूमि में नंगा पर्वत या के2 है। 

नीचे गूगल डूडल के बारे में कुछ लिंक दिए हैं। उन्हें पढ़ने के लिए क्लिक करें

गूगल लोगो के बारे में विकीपीडिया में पढ़ें

गूगल डूडल्स

सन 2012 में हुई डूडल फॉर गूगल प्रतियोगिता

गूगल का अर्थ डे डूडल

गूगल डूडल का आयडिया आया कहाँ से?