भारत का आईपीएल दुनिया का सबसे बड़ा व्यावसायिक खेल मेला बन गया है. यूरोप की फुटबॉल लीग और अमेरिका की बास्केटबाल और बेसबॉल लीग में मिलने वाला वेतन आईपीएल से कम है. इसका क्या अर्थ निकला जाय ? हमारे यहाँ खेल के मोर्चे पर बेहतर काम होने लगा है. हमने यूरोप और अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है? या हम नक़ल करने में तो सबसे आगे है, असल में फिसड्डी है ?
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