Wednesday, September 11, 2024

भारत की भू-राजनीतिक भूमिका और पाकिस्तान से रिश्ते


विदेश-नीति के मोर्चे पर एकसाथ कई बातें हो रही हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान रिश्तों को लेकर शुरू हुई सुगबुगाहट शामिल है. अगले महीने पाकिस्तान में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है. सवाल है कि क्या मोदी, पाकिस्तान जाएंगे?

उनका जाना और नहीं जाना, दोनों बातें दोनों देशों के रिश्तों के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगी. उनपर बात जरूर होनी चाहिए, पर उसके पहले वैश्विक-राजनीति में भारत की बढ़ती भूमिका से जुड़ी कुछ बातों पर रोशनी डालने की जरूरत भी है.

पिछले दिनों पीएम मोदी की यूक्रेन-यात्रा के बाद संभावनाएं बढ़ी हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत में भारत की भूमिका हो सकती है. अब खबर है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ब्रिक्स के एनएसए सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस जा रहे हैं. 10-12 सितंबर को सेंट पीटर्सबर्ग में हो रहा, यह सम्मेलन प्रकारांतर से उसी उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने शनिवार को कहा कि भारत और चीन जैसे देश यूक्रेन के संघर्ष को सुलझाने में भूमिका निभा सकते हैं. उसके एक दिन पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत जैसे दोस्तों की तारीफ की थी, जो मौजूदा संघर्ष का हल निकालना चाहते हैं.

व्लादीवोस्तक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में एक पैनल चर्चा के दौरान पुतिन ने कहा कि भारत, ब्राजील और चीन संघर्ष का हल निकालने में भूमिका निभा सकते हैं. उनकी यह टिप्पणी उन संभावित देशों के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में आई जो रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं.

Wednesday, September 4, 2024

तालिबानी कानून और वैश्विक-मान्यता से जुड़ी राजनीति


अफगानिस्तान में तालिबान ने 19 अगस्त को अपनी विजय की तीसरी और स्वतंत्रता की 105वीं वर्षगाँठ मनाई. दोनों समारोहों की तुलना में ज्यादा सुर्खियाँ एक तीसरी खबर को मिलीं.

तालिबान ने 21 अगस्त को 35 अनुच्छेदों वाले एक नए कानून की घोषणा की  है, जिसमें शरिया की उनकी कठोर व्याख्या के आधार पर जीवन से जुड़े कार्य-व्यवहार और जीवनशैली पर प्रतिबंधों का विवरण है. नए क़ानून को सर्वोच्च नेता हिबातुल्ला अखुंदज़ादा ने मंज़ूरी दी है, जिसे लागू करने की ज़िम्मेदारी नैतिकता मंत्रालय की है.

दुनियाभर में आलोचना के बावजूद अफगानिस्तान के शासक इन नियमों को उचित बता रहे हैं. तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में उन लोगों के अहंकारके खिलाफ चेतावनी दी है, जो इस्लामी शरिया से परिचित नहीं हैं, फिर भी आपत्ति व्यक्त कर रहे हैं.

वे मानते हैं कि बिना समझ के इन कानूनों को अस्वीकार करना, अहंकार है. दूसरी तरफ मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी तक का विचार है कि अफगानिस्तान में मानवाधिकारों और स्त्रियों के अधिकारों की रक्षा की जरूरत है.

Tuesday, September 3, 2024

बुलडोजर-न्याय और राजनीति के पेचोख़म…

बुलडोजर-न्याय को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी से पहली नज़र में लगता है कि इससे तुरत-न्याय की राजनीति को धक्का लगेगा। पर इस बात के सभी पहलुओं पर विचार करने का समय भी अब आ गया है। कानूनी प्रक्रिया में कोई झोल है, तो उसे ठीक भी होना चाहिए। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने विभिन्न राज्यों में 'बुलडोजर एक्शन' को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा कि कोई व्यक्ति दोषी है, तब भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता। सुप्रीमकोर्ट के इस हस्तक्षेप से उन लोगों की आस बढ़ी है, जिनके घर गिराए गए हैं। अदालत ने भविष्य में इस किस्म की तोड़फोड़ को लेकर गाइडलाइन बनाने का वायदा भी किया है।

क्या वास्तव में सरकारें किसी कानूनी-प्रक्रिया को अपनाए बगैर तोड़फोड़ कर रही हैं? या तथ्य कुछ और हैं? ऐसे ही सवाल हिंसा के दौरान नष्ट हुई सार्वजनिक संपत्ति को लेकर भी हैं। अदालत को देखना होगा कि उसकी भरपाई कौन करेगा? अब जब फोटोग्राफी एक-एक चेहरे की पहचान बताने लगी है, तब अपराधियों को सजा कैसे मिलेगी? उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से देश के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, जो हुआ, वह नियमानुसार है। याचिकाकर्ता मामले को अदालत के सामने गलत ढंग से रख रहे है। नोटिस बहुत पहले जारी किए गए थे, ये लोग पेश नहीं हुए।

Thursday, August 29, 2024

यूरोप में बढ़ती भारतीय भूमिका


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन-यात्रा ने भारतीय विदेश-नीति की स्वतंत्रता को पुष्ट करने के साथ यूरोप में नई भूमिका को भी रेखांकित किया है. यूक्रेन में मोदी ने दृढ़ता से कहा, हम तटस्थ नहीं, युद्ध के विरुद्ध और शांति के पक्ष में हैं. यह बात हमने राष्ट्रपति पुतिन से भी कही है कि यह दौर युद्ध का नहीं है.   

उनके इस दौरे से यूरोप में भारत के दृष्टिकोण को बेहतर और साफ तरीके से समझने का आधार तैयार हुआ है. इससे वैश्विक-राजनीति में भारत का कद ऊँचा होगा और यूक्रेन के साथ हमारे द्विपक्षीय-संबंध सुधरेंगे, जो युद्ध के बाद कटु हो गए थे.

यूक्रेन और रूस के युद्ध पर इस यात्रा के पूरे असर को देखने और समझने के लिए हमें कुछ समय इंतज़ार करना होगा. लड़ाई की जटिलताएं आसानी से सुलझने वाली भी नहीं हैं. पहले इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि यह झगड़ा यूक्रेन और रूस के अलावा परोक्षतः अमेरिका और रूस के बीच का भी है.

Sunday, August 25, 2024

लड़ाई का रुख लेबनान की ओर मुड़ा

इसराइल और हिज़बुल्ला के जवाबी हमले

पश्चिम एशिया में इसराइल और उसके विरोधियों के बीच लड़ाई का एक और मोर्चा खुलने का खतरा बढ़ गया है। रविवार को इसराइल के एक सौ से ज्यादा जेट विमानों ने लेबनान में ईरान समर्थक संगठन हिज़बुल्ला के ठिकानों परहमले बोले। जवाब में हिज़बुल्ला ने तीन सौ के ऊपर मिसाइलों और ड्रोनों से इसराइल पर हमले बोले। हिज़बुल्ला ने यह भी कहा है कि फिलहाल उनका इरादा अभी और हमले करने का नहीं है।

पिछले साल 7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास के हमले के बाद से इसराइल की उत्तरी सीमा पर लेबनान में हिज़बुल्ला भी सक्रिय हो गया है और इसराइल के सीमावर्ती इलाक़ों पर वह लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसराइल भी हिज़बुल्ला के ठिकानों को निशाना बनाता रहा है। अब तक इन हमलों में दर्जनों लोगों की मौत हुई है।

गत 30 जुलाई को हिज़बुल्ला के टॉप कमांडर फवाद शुकर के मारे जाने के बाद से  हिज़बुल्ला की जवाबी कार्रवाई का इंतज़ार था। पर लगता है कि इसबार हमला पहले इसराइल ने किया। उसके नेतृत्व का कहना है कि हिज़बुल्ला हमारे ऊपर हमले की तैयारी कर रहा था, इसलिए हमने पेशबंदी में यह कार्रवाई की है। इसराइल का कहना है कि हमने हिज़बुल्ला की योजनाओं को विफल करते हुए, सुबह-सुबह उस पर हमला किया है।