Friday, November 27, 2020

लद्दाख में फौजियों के विशेष आवास


लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं इसबार सर्दियों में भी आमने-सामने हैं। आठ दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकला है। चूंकि उस इलाके में तापमान माइनस 40 डिग्री तक चला जाता है, इसलिए दोनों देशों ने अपने सैनिकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। इन व्यवस्थाओं में आधुनिकतम तकनीकों का इस्तेमाल है। इन व्यवस्थाओं पर नजर डालने के बाद एक बात साबित होती है कि भारतीय सेना ने 1962 के बाद माउंटेन वॉरफेयर में महारत हासिल कर ली है और सियाचिन से लद्दाख तक ऊँची बर्फीली पहाड़ियों में ज़ीरो डिग्री से भी नीचे तापमान पर रहते हुए सीमा की रक्षा करने में उसका मुकाबला नहीं। 

भारत ने पहले अपनी विशेष बैरकों का प्रदर्शन किया, तो चीन ने भी अपने इन आवासों का वीडियो जारी किया है। इन्हें देखना अपने आप में रोचक है। सवाल यह भी है कि इतने दुर्गम क्षेत्र में तापमान को नियंत्रित करने वाली टेक्नोलॉजी के संचालन के लिए ऊर्जा कहाँ से आएगी। बताते हैं कि ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा का इस्तेमाल इसके लिए किया जा रहा है। चीन तो पूरा बिजलीघर ही सीमा के पास लगा रहा है। 

इन आवासों में डॉर्मिटरी, कैंटीन, टॉयलेट, भंडार और सब्जी रखने के भंडार तथा दफ्तर सब शामिल हैं। उस इलाके में टॉयलेट बनाना और उन्हें साफ रखना आसान नहीं है। इसके लिए बायो डिग्रेडेबल तकनीक का सहारा लिया गया है, जिसमें पानी की कम से कम इस्तेमाल किया जाता है।

चीनी वैबसाइट ग्लोबल टाइम्स के अनुसार इन आवासों में जल्द ही रोशनी की पूरी व्यवस्था बिजली से कर दी जाएगी। चीन के राज्य-ग्रिड कॉरपोरेशन को इस इलाके में दिसंबर तक एक बिजलीघर बनाने का आदेश दिया गया है. वहाँ से 1.6 किलोमीटर लंबी ट्रांसमीशन लाइन खींची जाएगी। चीन के पास सुविधा यह है कि उसका इंफ्रास्ट्रक्चर सीमा के एकदम करीब है।

 

 

 


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