Saturday, January 25, 2014

मीडिया और राजनीति की साख के सवाल

आज राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संदेश आ रहा है, झूठे वादे न करें नेता। देर रात तक पता लगेगा कि देश ने किन-किन महान व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया। इनमें मीडियाकर्मी भी होंगे। उन्हें सम्मान क्यों मिला या बहुत से लोगों को क्यों नहीं मिला, इसपर कल बात करेंगे। अलबत्ता आज सोमनाथ भारती ने पहले मीडिया पर हमला किया, फिर माफी माँगी। इसके पहले अरविंद केजरीवाल भी मीडिया पर हमला बोल चुके हैं। आज आप में मीडिया से आए आशुतोष ने मीडिया को सलाह दी कि वह आत्म निरीक्षण करे।  आज के अखबार लोकसभा चुनाव के ओपीनियन पोल और दिल्ली में आप और केंद्र सरकार की डांड़ामेड़ी से भरे रहे। दिन में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हल्का रहा। जिस रोज कोई सनसनीखेज बात नहीं होती इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हक्का-बक्का रह जाता है। खबर की परिकल्पना ही नहीं है उसके पास। सनसनीखेज खबरें और फिर उनपर प्रतिक्रिया के नाम पर या तो शोर या जानबूझकर किसी खास पक्ष को उठाने या गिराने की कोशिश के कारण इसकी साख कम हो गई है। इसका मतलब यह नहीं कि लोग इसे देखते नहीं। हार्डन्यूज का सबसे अच्छा माध्यम फिलहाल यही है। पर अगले दो-एक साल में यह इजारेदारी खत्म होने जा रही है। आज के अखबारों से मैने विचार पक्ष को सामने लाने की कोशिश की है। इंडियन एक्सप्रेस में सुरजीत भल्ला का आप की चुनाव सम्भावनाओं पर लेख है। जागरण में गुरचरण दास का आप पर लेख और नवभारत टाइम्स में मार्क टली का इंटरव्यू मुझे पठनीय लगा। नजर डालें कुछ कतरनों परः-

नवभारत टाइम्स





जागरण

अमर उजाला



दैनिक भास्कर


इंडियन एक्सप्रेस



2 comments:

  1. सुरुचि पूर्ण, तथ्य परक, पठनीय इतनी सामग्री एक साथ ,प्रमोद जी धन्यवाद।

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  2. बढ़िया प्रस्तुति-
    शुभकामनायें गणतंत्र दिवस की-
    सादर

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