Monday, December 7, 2020

नियामे में पाकिस्तानी सफलता, भारत के लिए संदेश

नाइजर की राजधानी नियामे में 27-28 नवंबर को ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों के 47वें सम्मेलन में कश्मीर के उल्लेख से दो बातें साबित हुईं। एक, इस्लामिक देश आसानी से कश्मीर से मुँह मोड़ नहीं पाएंगे, भले ही वे ऐसा चाहते हों। दूसरे, कश्मीर मामले को, संयुक्त राष्ट्र में उठाने में पाकिस्तान भले ही विफल रहा हो, पर ओआईसी का समर्थन पाने में कामयाब है।

इससे पहले ओआईसी के कश्मीर कांटैक्ट ग्रुप की जून में हुई बैठक में भी भारत की आलोचना की गई थी। उसे पाकिस्तान की बड़ी सफलता नहीं माना गया, पर नियामे सम्मेलन को पाकिस्तान सरकार, कम से कम अपने देश में,  उपलब्धि के रूप में प्रचारित कर रही है। ओआईसी विदेश मंत्रियों का 2021 में सम्मेलन पाकिस्तान में होगा। उसमें पाकिस्तान इस विषय को बेहतर तरीके से उठाने की उम्मीद रखता है। इस्लामिक देशों के बीच भी गोलबंदी हो रही है। एक साल बाद की स्थितियों के बारे में अभी कुछ कहना कठिन है।

फलस्तीन और कश्मीर

सच यह भी है कि इस्लामिक देशों के बीच भारतीय राजनय ने पैठ जमाई है, पर उसके चमत्कारिक परिणाम नहीं हैं। सिवाय इसके कि पिछले साल मार्च में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को अबू धाबी के सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया और पाकिस्तान के विरोध की अनदेखी की गई। हाल में सऊदी अरब, यूएई और बहरीन के साथ भारत के रिश्तों में सुधार हुआ है। नियामे सम्मेलन में एकबारगी ओआईसी का असमंजस झलका भी था। सम्मेलन के ठीक पहले आयोजकों ने कहा था कि सम्मेलन का एजेंडा कश्मीर नहीं है, पर सम्मेलन के पहले दिन ही सऊदी अरब, तुर्की और नाइजर के विदेश मंत्रियों ने अपने वक्तव्यों में कश्मीर का जिक्र किया। प्रस्तावों में भी भारतीय कार्रवाइयों की आलोचना की गई।

Sunday, December 6, 2020

वैक्सीन से जुड़े सवाल

सन 2020 को इतिहास के निर्ममतम वर्षों में गिना जाएगा। इस वर्ष का प्रारंभ वैश्विक महामारी के साथ हुआ था और अब इसका अंत उस महामारी के खिलाफ लड़ाई में विजय के पहले कदम के रूप में हो रहा है। हाल में खबर थी कि ब्रिटेन ने फायज़र की वैक्सीन को स्वीकृति दे दी है। अब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अगले कुछ हफ्तों के भीतर भारत में भी वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।

उधर खबर यह भी है कि फायज़र ने भारत के ड्रग कंट्रोलर से अपनी वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति माँगी है। यानी ब्रिटेन के बाद भारत दुनिया का दूसरा देश है, जिससे फायज़र ने अनुमति माँगी है और यदि यह अनुमति मिली, तो पश्चिमी देशों में विकसित वैक्सीन का इस्तेमाल करने वाला भारत दुनिया में दूसरा देश बन जाएगा।

वैक्सीन के बन जाने से क्या समस्या का पूरी तरह समाधान हो जाएगा? कितने लोगों तक वैक्सीन पहुँच पाएंगी? इनकी कीमत क्या होगी? जनता तक कौन इन्हें पहुँचाएगा? कितनी प्रभावशाली होंगी ये वैक्सीन? कितने समय तक इसका असर रहेगा? क्या पूरी दुनिया के लोगों को वैक्सीन लगानी होगी? नहीं, तो फिर कितने लोगों को इन्हें लगाया जाएगा?

Saturday, December 5, 2020

मेरठ के ज्वैलर ने बनाई 12638 हीरों वाली अँगूठी, नाम गिनीज़ बुक में

 


मेरठ के युवा सर्राफ हर्षित बंसल ने 12638 हीरे लगाकर अंगूठी तैयार कर गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है। इस अंगूठी का वजन 165.450 ग्राम है इसमें 38.08 कैरेट के प्राकृतिक हीरे लगे हैं। हर्षित दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए हैं जिसने इतने हीरे एक अंगूठी में सजाए हैं। 30 नवंबर को हर्षित ने यह विश्व कीर्तिमान बनाया है। लंदन से गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया है।

हर्षित रेनानी ज्वैल्स के संचालक हैँ। रिकार्ड का प्रमाणपत्र आ चुका है। शौक के लिए यह अंगूठी बनाई है अभी इसे बेचने की योजना नहीं है। परिवार सूर्या पैलेस में रहता है। पिता अनिल बंसल, मम्मी रेनू बंसल हैं। हर्षित ने भारत हैदराबाद के श्रीकांत का रिकॉर्ड तोड़ा है।

श्रीकांत ने गोलाकार एब्सट्रैक्ट डिजायन में 7801 हीरों की अंगूठी बनाई थी। हर्षित ने उससे कहीं अधिक हीरे लगाकर यह नया रिकॉर्ड बनाया है। पूरा परिवार और सराफा कारोबारी हर्षित की सफलता पर खुश हैं। जल्द ही वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम भारत आकर हर्षित को सम्मानित करेगी।

हर्षित ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मैं पिछले ढाई-तीन साल से इस काम पर लगा था।

आयुर्वेदिक चिकित्सक भी करेंगे सर्जरी

ऊपर का यह चित्र प्रचीन काल में ऋषि सुश्रुत की शल्य चिकित्सा को दर्शा रहा है। भारत में आयुर्वेद चिकित्सक प्राचीन काल से शल्य चिकित्सा करते रहे हैं। भारत सरकार ने गत 19 नवंबर को एक अधिसूचना के जरिए चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद को और बढ़ावा देने के लिए स्नातकोत्तर छात्रों को  ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी (Ayurveda surgery) करने की अनुमति देने का फैसला किया। सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा विरोध इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने किया है। IMA ने इस फैसले को मेडिकल संस्थानों में चोर दरवाजे से प्रवेश का प्रयास बताते हुए कहा कि ऐसे में NEET जैसी परीक्षा का कोई महत्व नहीं रह जाएगा।

आईएमए ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन चलाने का फैसला किया है। इस सिलसिले में 8 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे और 11 दिसंबर को चिकित्सालयों में गैर-कोविड चिकित्सा कार्यों को ठप रखा जाएगा।

Friday, December 4, 2020

भारत में भी मिलने वाली है वैक्सीन को मंजूरी

 


सब कुछ ठीक रहा तो इस महीने के अंत या जनवरी की शुरुआत में देश की नियामक संस्था कोरोनावायरस टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे देगी।  देश में विभिन्न टीकों का परीक्षण अभी अंतिम चरण में चल रहा है। इसकी जानकारी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को दी। (उधर प्रधानमंत्री ने आज सर्वदलीय बैठक में भी इस बात की पुष्टि की कि भारत में वैक्सीन को मंजूरी मिलने वाली है)।

गुलेरिया ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि अल्पावधि में टीका सुरक्षित है। उन्होंने कहा, 'कई आंकड़े उपलब्ध हैं जो इसकी पुष्टि करते हैं कि टीका बेहद सुरक्षित है। टीके से संबंधित सुरक्षा और असर से किसी तरह का समझौता नहीं किया गया है। परीक्षण के दौरान तकरीबन 70 से 80 हजार स्वयंसेवकों को टीका लगाया गया है लेकिन अब तक कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखा है।'

रूस दुनिया का पहला देश है जिसने इस साल अगस्त में कोरोनावायरस के टीके स्पूतनिक-5 के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। हालांकि तब तक स्पूतनिक के तीसरे चरण का परीक्षण भी पूरा नहीं हुआ था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सरकार को अगले हफ्ते से व्यापक स्तर पर देश में टीकाकरण शुरू करने का आदेश दिया है।