टू प्लस टू वार्ता में शामिल भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा और विदेशमंत्री |
भारत ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के साथ नई दिल्ली में पहली बार 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद की मेजबानी की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पीटर ड्यूटन और विदेशमंत्री मैरिस पाइन के साथ अफगानिस्तान के राजनीतिक बदलाव पर चर्चा की।
जून 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच वर्चुअल वार्ता के दौरान, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक साझेदारी पर बातचीत हुई थी। दोनों देशों के बीच यह साझेदारी एक मुक्त, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण पर आधारित थी। इस क्षेत्र में शांति, विकास और व्यापार के मुक्त प्रवाह, नियम-आधारित व्यवस्था और आर्थिक विकास में ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों का अहम योगदान है।
बैठक के बाद संयुक्त बयान के अनुसार मंत्रियों ने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने, आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने, आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के लिए इंटरनेट के शोषण को रोकने, कानून प्रवर्तन सहयोग को मजबूत करने सहित आतंकवाद के क्षेत्र में सहयोग जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र, जी20, जीसीटीएफ, एआरएफ, आईओआरए और एफएटीएफ जैसे बहुपक्षीय मंचों के साथ-साथ क्वॉड परामर्श में आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
मालाबार अभ्यास
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा संबंधों के महत्व को दोहराया। साथ ही मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को स्वीकार किया और रक्षा जुड़ाव बढ़ाने की पहल पर चर्चा की. बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने हाल ही में संपन्न मालाबार अभ्यास 2021 की सफलता का भी स्वागत किया। मंत्रियों ने मालाबार अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की निरंतर भागीदारी का स्वागत किया। इस बात की सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि ऑस्ट्रेलिया अब मालाबार अभ्यास में स्थायी रूप से भाग लेगा। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को भविष्य के तलिस्मान सैबर युद्धाभ्यास में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जो अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हरेक दो साल में आयोजित होता है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चतुष्कोणीय सुरक्षा संवाद (क्वॉड) से जुड़े तीन अन्य देशों के साथ भारत की अब ‘टू प्लस टू’ व्यवस्था कायम हो गई है, जिसमें विदेश तथा रक्षामंत्री आपसी में विमर्श करते हैं। भारत और अमेरिका के बीच यह वार्ता इस साल नवम्बर में प्रस्तावित है।
द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के
बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 2+2 संवाद भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक
साझेदारी के महत्व को दर्शाता है। भारत और ऑस्ट्रेलिया एक महत्वपूर्ण साझेदारी
साझा करते हैं जो स्वतंत्र, खुले, समावेशी
और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि दो लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के रूप
में पूरे क्षेत्र की शांति और समृद्धि में हमारा समान हित है। हमने रक्षा सहयोग और
वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई सहित व्यापक सहयोग के लिए विभिन्न संस्थागत ढांचे
पर चर्चा की है। हमने अफगानिस्तान पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इंडो-पैसिफिक
में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय स्वरूपों और अन्य संबंधित
विषयों में सहयोग आदि मुद्दे भी शामिल रहे।
द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर राजनाथ सिंह ने कहा
कि दोनों देशों ने सेवाओं में सैन्य जुड़ाव का विस्तार करने, अधिक से अधिक रक्षा सूचना साझा करने की सुविधा और आपसी रसद समर्थन के
लिए मिलकर काम करने का फैसला किया है। मालाबार अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के हमने
ऑस्ट्रेलिया को भारत के बढ़ते रक्षा उद्योग को शामिल करने और रक्षा उपकरणों के
सह-उत्पादन और सह-विकास में सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया है।
वार्ता के बाद विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा कि
क्वॉड भविष्योन्मुखी व्यवस्था
है। चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने व्यापार के मुक्त प्रवाह, अंतर्राष्ट्रीय नियमों और मानदंडों का पालन और पूरे क्षेत्र में सतत
आर्थिक विकास सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। दोनों देशों के बीच टू प्लस
टू संवाद भारत-ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के आभासी शिखर सम्मेलन में किए गए निर्णय का
परिणाम है।
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा 13.09.2021 को चर्चा मंच पर होगी।
ReplyDeleteआप भी सादर आमंत्रित है।
धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
Very useful article. Thank For The Article Sir🙏🙏🙏
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