जून के आखिरी हफ्ते में सायबर इंटेलिजेंस फर्म सायफर्मा के हवाले से खबर थी कि पिछले एक महीने में चीन से होने वाले सायबर हमलों में 200 फीसदी की वृद्धि हुई है। आमतौर पर चीनी हमलों के निशाने पर अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया होते हैं, पर गलवान के टकराव के बाद चीनी हमलों का निशाना भारत के सार्वजनिक रक्षा उपक्रम और कुछ संवेदनशील ठिकाने हैं। जून के आखिरी हफ्ते की खबर थी कि चीनी हैकरों ने पाँच दिन में भारत पर 40,000 सायबर हमले किए। चीनी हैकर विदेश और रक्षा जैसे संवेदनशील मंत्रालयों, बड़े उद्योगों के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को टार्गेट कर रहे हैं। बैंकों, न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन और एचएएल जैसी संस्थाओं के डेटा में सेंध लगाने का प्रयास भी।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 के इस दौर में चीनी हैकर वैक्सीन रिसर्च की चोरी भी कर रहे हैं। अमेरिका ने इस सिलसिले में अपना आधिकारिक विरोध दर्ज कराया है। हाल में ऑस्ट्रेलिया में हुए सायबर हमलों का आरोप भी अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन पर लगाया है। अमेरिका के संघीय जाँच ब्यूरो ने भी चीन का नाम लेकर आलोचना की है। भारत में चीन के 59 एप पर पाबंदियाँ लगने के पीछे के कारण आर्थिक से ज्यादा सुरक्षा-सम्बद्ध हैं और अमेरिका भी चीनी एप पर पाबंदियाँ लगाने पर विचार कर रहा है।
भारतीय चेतावनी
भारतीय कंप्यूटर इमर्जेंसी रेस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने गत 21 जून को एडवाइज़री जारी की कि देश के लाखों व्यक्ति सायबर हमले के शिकार हो सकते हैं। पिछले साल हमारी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के साथ नई सायबर और स्पेस कमांड जोड़ी गई हैं। पिछले साल अगस्त में सेना की नॉर्दर्न कमांड के एक वरिष्ठ ऑफिसर के कंप्यूटर में सायबर घुसपैठ हुई थी। इसका पता इसलिए लग पाया, क्योंकि अब सेना सायबर हमलों की निगहबानी कर रही है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 के इस दौर में चीनी हैकर वैक्सीन रिसर्च की चोरी भी कर रहे हैं। अमेरिका ने इस सिलसिले में अपना आधिकारिक विरोध दर्ज कराया है। हाल में ऑस्ट्रेलिया में हुए सायबर हमलों का आरोप भी अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन पर लगाया है। अमेरिका के संघीय जाँच ब्यूरो ने भी चीन का नाम लेकर आलोचना की है। भारत में चीन के 59 एप पर पाबंदियाँ लगने के पीछे के कारण आर्थिक से ज्यादा सुरक्षा-सम्बद्ध हैं और अमेरिका भी चीनी एप पर पाबंदियाँ लगाने पर विचार कर रहा है।
भारतीय चेतावनी
भारतीय कंप्यूटर इमर्जेंसी रेस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने गत 21 जून को एडवाइज़री जारी की कि देश के लाखों व्यक्ति सायबर हमले के शिकार हो सकते हैं। पिछले साल हमारी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के साथ नई सायबर और स्पेस कमांड जोड़ी गई हैं। पिछले साल अगस्त में सेना की नॉर्दर्न कमांड के एक वरिष्ठ ऑफिसर के कंप्यूटर में सायबर घुसपैठ हुई थी। इसका पता इसलिए लग पाया, क्योंकि अब सेना सायबर हमलों की निगहबानी कर रही है।