दिल्ली के चुनाव परिणाम के
अनेक संकेत हैं, पर सबसे बड़ा संदेश है शहरी गरीब वोटर की महत्वपूर्ण होती भूमिका. मोटे तौर पर इन
परिणामों में बीजेपी, कांग्रेस और ‘आप’ तीनों के लिए कुछ संदेश छिपे हैं. ‘आप’ और बीजेपी दोनों अपनी सफलता का
दावा कर सकती हैं. बेशक ‘आप’ की सरकार लगातार तीसरी बार बनेगी और केजरीवाल
मुख्यमंत्री बनेंगे, पर उसकी सीटें कम हुई हैं और वोट प्रतिशत भी घटा है.
ऐसा तब हुआ है, जब कांग्रेस का काफी वोट ‘आप’ को ट्रांसफर हुआ.
बीजेपी की सीटों और वोट
प्रतिशत दोनों में वृद्धि हुई है, पर वह ‘आप’ को अपदस्थ करने में विफल
हुई है. सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस का हुआ है, जो वोट प्रतिशत के आधार पर इतिहास
के सबसे निचले स्तर पर आ गई है. बहरहाल इतना तय है कि ये परिणाम आने वाले समय में
राष्ट्रीय राजनीति की धारा को बदलेंगे जरूर.