श्रीलंका
पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के उम्मीदवार गोटाबेया राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनावों में जीत दर्ज की है। सेना के पूर्व
लेफ्टिनेंट कर्नल गोटाबेया अपने देश में ‘टर्मिनेटर’ के नाम से मशहूर हैं, क्योंकि लम्बे समय तक चले तमिल आतंकवाद को कुचलने में
उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। अब उनके चुनाव के बाद भारत के नजरिए से दो बड़े सवाल
हैं। अलबत्ता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिणाम आते ही गोटाबेया
राजपक्षे को बधाई दी है, जिसके जवाब में उन्हें शुक्रिया का संदेश भी मिला है।
पहला सवाल है कि श्रीलंका के तमिल नागरिकों के प्रति उनका नजरिया क्या होगा? उनके नजरिए से साथ-साथ यह भी कि तमिल नागरिक
उन्हें किस नजरिए से देखते हैं। इसके साथ ही जुड़ा है वह सवाल कि देश के उत्तरी
तमिल इलाके का स्वायत्तता के सवाल पर उनकी भूमिका क्या होगी? इस तमिल-प्रश्न के अलावा दूसरा सवाल है कि चीन
के साथ उनके रिश्ते कैसे रहेंगे? भारत सरकार की
निगाहें हिंद महासागर में चीन की आवाजाही पर रहती हैं और राजपक्षे परिवार को
चीन-समर्थक माना जाता है।




