डिफेंस मॉनिटर का ताजा अंक प्रकाशित हो गया है। यह अंक भारत के रक्षा उद्योग में निजी क्षेत्र की भागीदारी और पहली बार रक्षा सामग्री के निर्यात पर विशेष सामग्री के साथ सामने आ रहा है। इसके अलावा इसमें दक्षिण एशिया के बदलते परिदृश्य पर भी विशेष आलेख हैं। इस अंक की विशेष सामग्री का विवरण इस प्रकार है:-
रक्षा मंत्रालय को उद्योग जगत का समर्थन-जयंत डी पाटील
भारत-चीन के बीच सीमित युद्ध की आशंका-गुरमीत कँवल
रक्षा उद्योग में एफडीआई-बड़े अरमान से रखा है कदम-डॉ लक्ष्मण कुमार बेहरा
भारत की पाक नीति : निरंतरता और बदलाव की जरूरत-डॉ उमा सिंह
विमान दुर्घटनाएं : जाँच सजा के लिए नहीं, तथ्य जाँचने के लिए हो-एके चोपड़ा
अफगानिस्तान के राजदूत डॉ शैदा मोहम्मद अब्दाली से खास बातचीत
अन्य स्थायी स्तम्भों के साथ इस अंक में मझगाँव डॉक्स पर विशेष सामग्री है, जिससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि युद्ध पोत और पनडुब्बी निर्माण की तकनीक के साथ कितने बड़े सरंजाम की जरूरत होती है।
इस अंक में मेरा एक लेख बढ़ते भारत-चीन गठजोड़ और कश्मीर के घाटी क्षेत्र में बदलते घटनाक्रम पर है, जिसे मैं नीचे भी दे रहा हूँः-
पाकिस्तान और चीन अब
एक हैं
प्रमोद जोशी
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हाल में चुनाव हुए
हैं, जिनमें नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) को सफलता मिली है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पिछले
कुछ समय से अपने इलाज के सिलसिले में लंदन में थे। वहाँ से लौटने के बाद वे सबसे
पहले पीओके में ही गए और वहां जाकर कहा, अब बहुत जल्द जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान बन
जाएगा। उन्होंने यह बात जम्मू-कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद पैदा हुए
हालात के संदर्भ में कही थी। इस बयान के जवाब में भारत की विदेश मंत्री सुषमा
स्वराज ने फौरन ही बयान जारी किया कि पाकिस्तान ऐसे सपने न देखे, वह दिन कभी नहीं
आएगा।