बिहार में जनता
परिवार के ‘महागठबंधन’ पर पक्की मुहर लग जाने और नेतृत्व का विवाद सुलझ जाने के बाद वहाँ गैर-भाजपा
सरकार बनने के आसार बढ़ गए हैं। भाजपा के नेता जो भी कहें, चुनाव पूर्व
सर्वेक्षणों का अनुमान यही है। इस गठबंधन के पीछे लालू यादव और नीतीश कुमार के
अलावा मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस के राहुल गांधी की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही
है। लगता है कि बिहार में दिल्ली-2015 की पुनरावृत्ति होगी, भले ही परिणाम इतने
एकतरफा न हों। ऐसा हुआ तो पिछले साल लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिले
स्पष्ट बहुमत का मानसिक असर काफी हद तक खत्म हो जाएगा। नीतीश कुमार, लालू यादव, मुलायम
सिंह और राहुल गांधी तीनों अलग-अलग कारणों से यही चाहते हैं। पर क्या चारों हित
हमेशा एक जैसे रहेंगे?
Saturday, June 13, 2015
Wednesday, June 10, 2015
दिल्ली में सियासी नौटंकी
दिल्ली में केंद्र और राज्य
सरकार के बीच टकराव मर्यादा की सीमाएं तोड़ रहा है. स्थिति हास्यास्पद हो चुकी है.
सरकार का कानून मंत्री फर्जी डिग्री के आरोप में गिरफ्तार है. सवाल उठ रहे हैं कि
गिरफ्तारी की इतनी जल्दी क्या थी? इस मामले में अदालती फैसले
का इंतज़ार क्यों नहीं किया गया? मंत्री के खिलाफ एफआईआर
करने वाली दिल्ली बार काउंसिल से भी सवाल किया जा रहा है कि उसके पंजीकरण की
व्यवस्था कैसी है, जिसमें बगैर कागज़ों की पक्की पड़ताल के वकालत का लाइसेंस मिल
गया? प्रदेश सरकार अपने ही उप-राज्यपाल के खिलाफ
कानूनी कार्रवाई की धमकी दे रही है. उप-राज्यपाल ने एंटी करप्शन ब्रांच के प्रमुख
पद पर एक पुलिस अधिकारी की नियुक्ति कर दी. सरकार ने उस नियुक्ति को खारिज कर
दिया, फिर भी उस अधिकारी ने नए पद पर काम शुरू करके अपने अधीनस्थों के साथ बैठक कर
ली. कहाँ है दिल्ली की गवर्नेंस? यह सब कैसा नाटक है? आम आदमी पार्टी इसे केजरीवाल बनाम मोदी की लड़ाई के रूप
में पेश कर रही है. क्या है इसके पीछे की सियासत?
Sunday, June 7, 2015
पूर्वोत्तर में अशनि संकेत
मणिपुर के चंदेल
जिले में गुरुवार को भारतीय सेना की डोगरा के सैनिकों पर हुआ हमला कोई नया संकेत
तो नहीं दे रहा है? पूर्वोत्तर में आतंकी गिरोह एकताबद्ध हो रहे हैं। क्या यह किसी
के इशारे पर हो रहा है या हमने इस इलाके के ‘बागी’ गुटों के साथ राजनीतिक-संवाद कायम करने में
देरी कर दी है? नगालैंड में पिछले दो दशक से और मिजोरम में तीन दशक से महत्वपूर्ण गुटों के
साथ समझौतों के कारण अपेक्षाकृत शांति चल रही है, पर हाल में एक महत्वपूर्ण गुट के
साथ सम्पर्क टूटने और कुछ ग्रुपों के एक साथ आ जाने के कारण स्थिति बदली है। इसमें
दो राय नहीं कि म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश में भारत-विरोधी गतिविधियों को हवा
मिलती है। ऐसा इन देशों की सरकारों के कारण न होकर वहाँ की सुरक्षा व्यवस्था में
बैठे भ्रष्टाचार के कारण भी है।
Thursday, June 4, 2015
Monday, June 1, 2015
क्रॉसफायरिंग में फँसी नौकरशाही
आईएएस अधिकारियों के
केंद्रीय सेवाओं से जुड़े संगठन ने पिछले हफ्ते 25 मई को अपनी बैठक करके दिल्ली
प्रशासन से जुड़े कुछ अधिकारियों के साथ किए गए असम्मानजनक व्यवहार की निन्दा की
है। एसोसिएशन का निवेदन है कि उन्हें अपने कार्य के निर्वाह के लिए स्वतंत्र,
निष्पक्ष और सम्माननीय माहौल मिलना चाहिए। एसोसिएशन ने जिन तीन मसलों पर ध्यान
दिलाया है उनमें से पहला मसला दिल्ली में उप-राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के अधिकार
को लेकर पैदा हुए भ्रम के कारण उपजा है। इस दौरान अफसरों की पोस्टिंग का सवाल ही
नहीं खड़ा हुआ, अफसरों की ईमानदारी को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी हुई, जो साफ-साफ
चरित्र हत्या थी।
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