तमाम विफलताओं के बावजूद विस्तार की राह पर है मीडिया
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की गतिविधियाँ तब शुरू ही हुईं थीं। एक दिन अचानक मोबाइल फोन की घंटी बजी। ‘हेलो मैं अरविंद केजरीवाल बोल रहा हूँ। फोन काटिए मत यह रिकॉर्डेड मैसेज है.....।’ अपनी बात कहने का यह एक नया तरीका था। यह एक शुरुआत थी। इसके बाद इस किस्म के तमाम फोन और एसएमएस आए। ऐसे फोन भी आए, जिनमें अरविंद केजरीवाल या उनकी पार्टी के खिलाफ संदेश था। इसमें दो राय नहीं कि इन चुनावों में ‘न्यू मीडिया’ का जबरदस्त हस्तक्षेप था। ईआरआईएस ज्ञान फाउंडेशन और भारतीय इंटरनेट एवं मोबाइल संघ द्वारा कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2014 में होने वाले अगले आम चुनाव में सोशल मीडिया लोकसभा की 160 सीटों को प्रभावित करेगा। यह बात इन विधानसभा चुनावों में दिखाई भी दी। अध्ययन में कहा गया है कि अगले आम चुनाव में लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 160 अहम सीटों पर सोशल मीडिया का प्रभाव रहने की संभावना है, जिनमें महाराष्ट्र में सबसे हाई इम्पैक्ट वाली 21 सीटें और गुजरात में 17 सीटें शामिल है। आशय उन सीटों से है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में विजयी उम्मीदवार के जीत का अंतर फेसबुक का प्रयोग करने वालों से कम है अथवा जिन सीटों पर फेसबुक का प्रयोग करने वालों की संख्या कुल मतदाताओं की संख्या का 10 प्रतिशत है।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की गतिविधियाँ तब शुरू ही हुईं थीं। एक दिन अचानक मोबाइल फोन की घंटी बजी। ‘हेलो मैं अरविंद केजरीवाल बोल रहा हूँ। फोन काटिए मत यह रिकॉर्डेड मैसेज है.....।’ अपनी बात कहने का यह एक नया तरीका था। यह एक शुरुआत थी। इसके बाद इस किस्म के तमाम फोन और एसएमएस आए। ऐसे फोन भी आए, जिनमें अरविंद केजरीवाल या उनकी पार्टी के खिलाफ संदेश था। इसमें दो राय नहीं कि इन चुनावों में ‘न्यू मीडिया’ का जबरदस्त हस्तक्षेप था। ईआरआईएस ज्ञान फाउंडेशन और भारतीय इंटरनेट एवं मोबाइल संघ द्वारा कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2014 में होने वाले अगले आम चुनाव में सोशल मीडिया लोकसभा की 160 सीटों को प्रभावित करेगा। यह बात इन विधानसभा चुनावों में दिखाई भी दी। अध्ययन में कहा गया है कि अगले आम चुनाव में लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 160 अहम सीटों पर सोशल मीडिया का प्रभाव रहने की संभावना है, जिनमें महाराष्ट्र में सबसे हाई इम्पैक्ट वाली 21 सीटें और गुजरात में 17 सीटें शामिल है। आशय उन सीटों से है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में विजयी उम्मीदवार के जीत का अंतर फेसबुक का प्रयोग करने वालों से कम है अथवा जिन सीटों पर फेसबुक का प्रयोग करने वालों की संख्या कुल मतदाताओं की संख्या का 10 प्रतिशत है।