कांग्रेस अपनी तार्किक परिणति की ओर बढ़ रही है। देश-काल से
कदम-ताल न कर पाना यानी इतिहास के कूड़ेदान में चले जाना। कांग्रेस क्या कूड़ेदान
जाने वाली है? या बाउंसबैक करेगी जैसा कि तीन मौकों पर
उसने किया है? उत्तराखंड से आए तीन उपचुनाव परिणामों को
पार्टी अपनी सफलता मान सकती है। पर यह पार्टी का पुनरोदय नहीं है। ज्यादा से
ज्यादा भाजपा की विफलता है। पिछले हफ्ते कांग्रेस को एक के बाद एक कई झटके लगे
हैं। असम के विधायकों ने बग़ावत कर दी। स्वास्थ्य मंत्री हेमंतो बिसवा सर्मा के
नेतृत्व में विधायकों ने राज्यपाल को इस्तीफ़ा सौंपा। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री
नारायण राणे ने इस्तीफ़ा दिया। हरियाणा में चौधरी वीरेन्द्र सिंह ने भूपेंद्र सिंह
हुड्डा के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। बंगाल में भी भगदड़
मची है। तीन और विधायकों ने पार्टी छोड़ी। सन 2011 से अब तक सात विधायक पार्टी
छोड़ चुके हैं। पार्टी के विधायकों की संख्या 42 से घटकर 35 रह गई है। जम्मू-कश्मीर
में चुनाव के साल भगदड़ मची है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पांच साल पुराना रिश्ता तोड़
लिया है। पूर्व सांसद लाल सिंह का पार्टी छोड़ना कंगाली में आटा गीला होने की तरह
है। झारखंड में भी पार्टी के भीतर बगावत के स्वर हैं।
पिछले साल जून में भाजपा के चुनाव अभियान का जिम्मा सम्हालने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से 'कांग्रेस मुक्त भारत निर्माण' के लिए जुट जाने का आह्वान किया था.
उस समय तक वे अपनी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नहीं बने थे. उन्होंने इस बात को कई बार कहा था.
सोलहवीं क्लिक करेंसंसद के पहले सत्र में मोदी सरकार की नीतियों पर रोशनी पड़ेगी. संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार का पहला नीतिपत्र होगा. इसके बाद बजट सत्र में सरकार की असली परीक्षा होगी.
एक परीक्षा कांग्रेस पार्टी की भी होगी. उसके अस्तित्व का दारोमदार भी इस सत्र से जुड़ा है. आने वाले कुछ समय में कुछ बातें कांग्रेस का भविष्य तय करेंगी. इनसे तय होगा कि कांग्रेस मज़बूत विपक्ष के रूप में उभर भी सकती है या नहीं.
सबसे कमज़ोर प्रतिनिधित्व
मोदी की बात शब्दशः सही साबित नहीं हुई लेकिन सोलहवीं लोकसभा में बिलकुल बदली रंगत दिखाई दे रही है. कांग्रेस के पास कुल 44 सदस्य हैं. पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की उम्र से एक ज्यादा. लोकसभा के इतिहास में पहली बार कांग्रेस इतनी क्षीणकाय है.