अमेरिका के मध्यावधि चुनाव परिणाम हालांकि पूरी तरह आए नहीं हैं, पर उनसे निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं. जैसा अनुमान था इस चुनाव में उस तरह की लाल लहर नहीं थी, पर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन मामूली बहुमत जरूर हासिल करेंगे. सीनेट में स्थिति कमोबेश पहले जैसी रहेगी, बल्कि रिपब्लिकन्स ने एक सीट खोई है. जॉर्जिया में 6 दिसंबर को फिर से मतदान होगा, जिसके बाद पलड़ा किसी तरफ झुक सकता है.
डेमोक्रेट्स को वैसी पराजय नहीं मिली, जिसका अंदेशा था. इस चुनाव के साथ 2024 के राष्ट्रपति चुनाव का
आग़ाज़ भी हो गया है. ऐसा लगता है कि जो बाइडन अगले चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी
के प्रत्याशी नहीं होंगे, पर यह स्पष्ट नहीं है कि रिपब्लिकन
पार्टी डोनाल्ड ट्रंप को उतारेगी या नहीं. 2020 का चुनाव हारने के बाद से ट्रंप इस
बात को कई बार कह चुके हैं कि मैं 2024 का चुनाव लड़ सकता हूँ. इसमें दो राय नहीं
कि पार्टी के लिए धन-संग्रह करने की क्षमता ट्रंप के पास है, पर केवल इतने भर से
वे प्रत्याशी नहीं बन सकते. मध्यावधि चुनाव के परिणामों से लगता है कि उनके नाम का
जादू अब खत्म हो रहा है.
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन पार्टी का क्षीण सा ही सही, पर बहुमत हो गया है. सीनेट में बराबरी की स्थिति है. प्रतिनिधि सदन में रिपब्लिकन पार्टी सरकारी विधेयकों में रोड़ा अटकाने की स्थिति में आ गई है. इससे बाइडन प्रशासन पर दबाव बढ़ेगा. अमेरिकी संसद में सभी प्रस्तावों पर दलीय आधार पर वोट नहीं पड़ते, कुछ महत्वपूर्ण मामलों में ही दलीय प्रतिबद्धता की परीक्षा होती है. इसका मतलब है कि बड़े प्रस्तावों पर वोट के समय रिपब्लिकन पार्टी का वर्चस्व संभव है, पर इसके लिए पार्टी को एकजुट रखने के लिए जतन भी करने होंगे.
ट्रंप की वापसी?
काफी लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि
क्या डोनाल्ड ट्रंप की वापसी होगी. लगता नहीं कि ट्रंप 2024 का चुनाव लड़ पाएंगे. उनके
काफी समर्थक चुनाव हार गए है या पिछड़ रहे हैं. ट्रंप ने इस चुनाव में 30 से
ज्यादा रैलियाँ की थीं और इससे दुगनी टेली-रैलियाँ. उन्होंने अपनी पार्टी के करीब
300 प्रत्याशियों का सीधा समर्थन किया था. किसी पूर्व राष्ट्रपति की चुनाव में इस
स्तर की भागीदारी पिछले सौ साल में देखी नहीं गई थी.
मध्यावधि चुनाव-प्रचार के दौरान ओहायो की एक
रैली में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, ‘मैं 15 नवंबर को एक बड़ी घोषणा करने वाला हूँ.’ यह घोषणा चुनाव लड़ने के अलावा और क्या हो सकती है, पर यह घोषणा
उन्होंने चुनाव के पहले क्यों नहीं की? शायद उन्हें लगता था कि संभव है कि
उनकी छवि नकारात्मक हो और चुनाव पर उसका
उल्टा असर हो. अब भी काफी लोगों को लगता है कि ट्रंप के बजाय पार्टी को किसी दूसरे
प्रत्याशी को जगह देनी चाहिए. अमेरिका में प्रत्याशी का नाम तय करने की प्रक्रिया
लंबी है. ट्रंप अब घोषणा करेंगे, तो उसकी प्रतिध्वनि होने में कुछ महीने लगेंगे.
इस चुनाव में ट्रंप यह संदेश देना चाहते थे कि
मैं रिपब्लिकन पार्टी का निर्विवाद नेता हूँ. पर चुनाव परिणामों का संदेश यह नहीं
है. उनकी पार्टी के भीतर ही उनके प्रतिस्पर्धी रॉन डेसेंटिस की जबर्दस्त जीत बता
रही है कि उन्हें अपनी पार्टी के भीतर से ही चुनौतियाँ मिलने वाली हैं.
पेंसिल्वेनिया की सीनेट सीट पर ट्रंप-समर्थक
डॉक्टर मेहमत ओज़ को डेमोक्रेटिक पार्टी के जॉन फैटरमैन ने हरा दिया है. यह सीट
फ्लिप हुई है, यानी कि रिपब्लिकन पार्टी से छिन गई है. पेंसिल्वेनिया में ही
डेमोक्रेटिक पार्टी के जॉश शापीरो गवर्नर का चुनाव जीते हैं. उन्होंने रिपब्लिकन
डग मास्त्रियानो को परास्त किया. मिशीगन में गवर्नर के चुनाव में ट्रंप के
प्रत्याशी ट्यूडर डिक्सन डेमोक्रेटिक पार्टी के ग्रेचेन ह्वाइटमर से परास्त हो गए
हैं.
मिशीगन में वर्तमान सेक्रेटरी ऑफ स्टेट जोसिलीन
बेंसन ने रिपब्लिकन पार्टी की प्रत्याशी क्रिस्टीना करामो को पराजित कर दिया है. 2020
के राष्ट्रपति चुनाव में क्रिस्टीना करामो ने भी उस अभियान में आगे थीं, जिसमें
आरोप लगाया गया था कि ट्रंप को धोखा देकर हराया गया है.
डेसेंटिस की जीत
ट्रंप-समर्थक काफी प्रत्याशी हारे हैं, पर इन
सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है फ्लोरिडा में गवर्नर के पद पर रिपब्लिकन पार्टी के रॉन
डेसेंटिस की जबर्दस्त जीत. डेसेंटिस 2024 के चुनाव में राष्ट्रपति पद के प्रमुख
दावेदार हैं. चार साल पहले रॉन डेसेंटिस बेहद कम मार्जिन से ही फ्लोरिडा के गवर्नर
का चुनाव जीतने में सफल हुए थे. इस बार वह अच्छे ख़ासे अंतर से जीते हैं. वे ऐसे
पहले रिपब्लिकन गवर्नर हैं जो डेमोक्रेटिक पार्टी के गढ़ में अच्छे खासे अंतर से
जीते हैं.
पार्टी के भीतर ट्रंप के सबसे बड़े विरोधी है
डेसेंटिस. उन्होंने इस चुनाव में ट्रंप की मदद कत्तई नहीं ली. ट्रंप उन्हें नापसंद
करते हैं. हालांकि 2024 के चुनाव को लेकर दोनों में से किसी ने अपना इरादा व्यक्त
नहीं किया है, पर दोनों की मनोकामना छिपी नहीं है. डेसेंटिस के विजय जलूस में उनके
समर्थक ‘दो साल बाकी’ के नारे लगा रहे थे. अगर वे राष्ट्रपति चुनाव में उतरे, तो उन्हें
अपने चार साल लंबे कार्यकाल में से दो साल बाद ही इस्तीफ़ा देना होगा.
रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवारों में
पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस, पूर्व विदेशमंत्री माइक पॉम्पियो, कैरलीना की पूर्व
गवर्नर और संरा में पूर्व राजदूत निक्की हेली, टेक्सास के सीनेटर टेड क्रूज़ और
मैरीलैंड के गवर्नर लैरी होगान भी संभावित प्रत्याशी हो सकते हैं. अब रिपब्लिकन
गवर्नरों की सालाना बैठक ओरलैंडो, फ्लोरिडा में होने वाली है. इसमें भी कुछ और नाम
उभरेंगे.
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