कुमार विश्वास और
अरविंद केजरीवाल के बीच अविश्वास की ‘अदृश्य दीवार’ अब नजर आने
लगी है. पिछले शनिवार को राजस्थान के कार्यकर्ताओं की सभा में कुमार विश्वास ने जो
कुछ कहा, वह पार्टी हाई कमान को तिलमिलाने भर के लिए काफी था. दिल्ली नगर निगम के
चुनाव के बाद से कुमार विश्वास पार्टी के साथ अपने मतभेदों को व्यक्त कर रहे हैं.
उन्होंने हाल में एक मीडिया इंटरव्यू में पार्टी के ट्वीट कल्चर पर भी टिप्पणी करते
हुए कहा, ‘जो लोग ट्विटर को देश समझते हैं, वे ही देश को ट्विटर समझते हैं.’
हाल में पार्टी
में हुए फेरबदल के बाद कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभार दिया गया है. वहाँ
अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. राजस्थान इकाई की पहली बैठक में घोषणा की गई कि
पार्टी अरविन्द केजरीवाल के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ेगी. बैठक में यह भी कहा गया कि
पार्टी ‘महारानी हटाओ’ अभियान के बजाय पानी, बिजली और बेहतर स्वास्थ्य जैसे मसलों को लेकर चुनाव
लड़ेगी. दिल्ली का वर्चस्ववाद
नहीं चलाया जाएगा. कार्यकर्ता ही प्रदेश के फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
वगैरह.