नवभारत टाइम्स |
स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी अरविंद दीप के मुताबिक राजधानी क्षेत्र में बहुत दिनों से कोई विस्फोट नहीं हुआ था इसलिए ये भीड़भाड़ वाले इलाके में ये विस्फोट करने वाले थे। समय से ये मॉड्यूल सामने न आता तो दिल्ली में कोई बड़ा धमाका होना पक्का था। पकड़े गए 13 व्यक्तियों में से साजिद को दिल्ली के चांद बाग से, समीर को यूपी के लोनी से और शाकिर को देवबंद से गिरफ्तार किया गया। इन तीनों को पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया जहां से इनको 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया।
पुलिस का दावा है कि साजिद इस स्लीपर सेल का मास्टरमाइंड साजिद है। वह दिल्ली का रहने वाला है। पुलिस का कहना है कि कुछ दिनों पहले घर के बेसमेंट में आईईडी बनाते वक्त धमाका हुआ था। इसमें साजिद के हाथ में चोट लगी थी। इसके बाद से ही वह जांच एजेंसी के रडार पर आ गया था।
पकड़े गए व्यक्तियों के परिवारों और स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। परिवारवालों का कहना है कि उनके बच्चे बेकसूर हैं। वहीं, स्पेशल सेल का कहना है कि दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल आतंकियों के इस नेटवर्क पर करीब छह महीनों से नजर रख रही थी। इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए स्पेशल सेल की 12 टीमें लगाई गईं, जिनमें स्पेशल सेल के 20 टॉप अफसर शामिल हैं।
ज्यादातर अखबारों में यह खबर पुलिस सूत्रों के अनुसार है। कुछ अखबारों ने चांद बाग इलाके में जाकर पकड़े गए व्यक्तियों के परिवारों से भी बात की है। इंटरनेट पर कैचन्यूज ने 5 मई को इस इलाके के लोगों से बात करके भी खबर लगाई है। कैचन्यूज के संवाददाता ने लिखा हैः-
बुधवार की सुबह दिल्ली की तेज गर्मी में एक खबर ने लगभग आग लगा दी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दावा किया है कि दिल्ली के गोकलपुरी, गाज़ियाबाद के लोनी और सहारनपुर के देवबंद इलाक़ों से तीन लड़को को गिरफ्तार किया है जिनके संबंध पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद से हैं.
सेल ने कुल 13 लड़कों को अलग-अलग इलाकों से हिरासत में लिया था. इनमें छह लड़के गोकलपुरी के चांद बाग़ इलाके के रहने वाले हैं.
स्पेशल सेल का दावा है कि इन लड़कों का जैश से संबंध का पता एजेंसी को 18 अप्रैल को चला था. गिरफ्तारी के बाद स्पेशल सेल ने इनसे पूछताछ की है. इसके बाद सेल ने कहा है कि चांद बाग़ के मुहम्मद साजिद ने पूछताछ में जैश-ए मुहम्मद से अपने संबंध कुबूल कर लिए हैं.
स्पेशल सेल साजिद को ही इस मॉड्यूल का मुखिया बता रही है. मुहम्मद साजिद से मिली जानकारी और उसके मोबाइल से मिले नंबरों के आधार पर सेल ने बाद में इलाके के पांच और लड़कों को मंगलवार की रात 11 बजे के आसपास चांद बाग़ इलाके से हिरासत में लिया था.
इस मामले को देख रहे वकील एमएस खान का कहना है कि पुलिस ने सिर्फ तीन युवकों को गिरफ्तार किया है. संभव है कि बाकियों को जल्द ही छोड़ दिया जायेगा.
कैच न्यूज़ ने इलाके का दौरा करके गिरफ्तार युवकों की असलियत जानने की कोशिश की. जिन छह लड़कों को चांद बाग़ से पुलिस ने उठाया है. वे सभी तब्लीगी जमात से जुड़े हुए हैं. सभी पांचों वक़्त की नमाज़ के पाबंद, दीन की शिक्षा फैलाना ही इनका काम था.
जमीयत उलमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कैच न्यूज़ से विशेष बातचीत में कहा है कि वह देवबंद से उठाए गए शाकिर अंसारी और एक अन्य लड़के अजीम को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. पुलिस हमेशा से इसी तरह लड़कों को फ्रेम करती आई है और बाद में कोर्ट ने उन्हें छोड़ दिया. मदनी ने यह घोषणा भी की कि जमीयत गिरफ्तार सभी लड़कों को कानूनी मदद मुहैया करवाएगी.इस खबर पर और ज्यादा पड़ताल करने की कोशिश अभी दिखाई नहीं पड़ी है। हाँ हिन्दी के अखबारों में नवोदय टाइम्स ने भी चाँदबाग इलाके में जाकर बात की है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की कवरेज में अभी तक आरोपियों के परिवारों का दृष्टिकोण दिखाई नहीं पड़ा है। हाल में मालेगाँव धमाकों के बाबत हुए फैसले के बाद से इस प्रकार के आरोप लगे हैं कि आतंकी गतिविधियों में मुसलमान नौजवानों को पकड़ा जाता है। इस मामले की तफतीश अभी शुरू ही हुई है, इसलिए मीडिया कवरेज पर ध्यान देना जरूरी होगा कि उसका संतुलन किस प्रकार का है।अभी तक की कवरेज में मीडिया की ओर से पुलिस से प्रति-प्रश्न नहीं किए गए है।
स्पेशल सेल ने अभी तक सिर्फ चांद बाग़ के मुहम्मद साजिद, लोनी के समीर अहमद और देवबंद के शाकिर अंसारी की गिरफ्तारी दिखाई है. दिल्ली की सेशन कोर्ट ने इन तीनों से पूछताछ के लिए स्पेशल सेल को 10 दिन की रिमांड दे दी है.
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