दिल्ली में एनआईए के प्रमुख के साथ एफबीआई के प्रमुख
अमेरिका में खालिस्तानी-अलगाववादी गतिविधियों
और गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश से जुड़े एक मामलों को लेकर दोनों देशों के गुपचुप-मतभेद जरूर सामने आए हैं, पर इससे यह
नहीं मान लेना चाहिए कि दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ जाएगी. अलबत्ता इन मामलों
से भारत की प्रतिष्ठा जुड़ी है.
बावजूद इसके बातें इतनी बड़ी नहीं हैं कि दोनों
देशों के रिश्तों में बिगाड़ पैदा हो जाए. पन्नू-प्रसंग से मिलता-जुलता मामला कनाडा
में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ा है. इन दोनों मामलों को लेकर भारत की
खुफिया एजेंसी की प्रतिष्ठा को लेकर सवाल खड़े हुए हैं. दूसरी तरफ भारत के सामने खालिस्तानी
चरमपंथियों को काबू करने की चुनौतियाँ भी है.
अमेरिका को चीनी चुनौती का सामना करने के लिए भारत की जरूरत है. एशिया में भारत ही अमेरिका के काम आ सकता है. ऐसा भारत की भौगोलिक स्थिति के अलावा आर्थिक और सामरिक मजबूती की वजह से भी है. भारत को भी अमेरिका की जरूरत है, क्योंकि वह दो ऐसे देशों से घिरा है, जो उसे अज़ली दुश्मन मानते हैं.