बुल्ली बाई विवाद के दौरान बार-बार इंटरनेट प्लेटफॉर्म गिटहब (GitHub) का नाम आता है। पिछले साल सुल्ली डील्स का जिक्र जब हुआ था, तब भी इसका नाम आया था। आज के मिंट में इसके बारे में बताया गया है।
बुल्ली बाई विवाद
बुल्ली बाई एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जो
ऑनलाइन नीलामी को सिम्युलेट करती है। यानी नीलामी जैसी परिस्थितियाँ बनाती हैं।
दूसरे एप्स की तरह यह गूगल या एपल एप स्टोर पर यह उपलब्ध नहीं है। इसे कोड
रिपोज़िटरी और सॉफ्टवेयर कोलैबरेशन प्लेटफॉर्म पर, जिसका नाम गिटहब है, होस्ट किया
गया है। इसमें 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया
है, जो इंटरनेट से हासिल की गई हैं। इसमें इन्हें नीलामी में बोली लगाकर बेचने का
नाटक किया गया है। यह नीलामी वस्तुतः फर्जी है। इसमें इस्तेमाल हुए ‘बुल्ली
और सुल्ली’ शब्द अपमानजनक हैं।
गिटहब क्या है?
गिटहब सबसे बड़ा कोड रिपोज़िटरी और सॉफ्टवेयर कोलैबरेशन प्लेटफॉर्म है, जिसका इस्तेमाल डेवलपर, स्टार्टअप, बल्कि कई बार बड़ी टेक्नोलॉजी कम्पनियाँ भी करती हैं, ताकि किसी एप को विकसित करने में कोडिंग से जुड़े लोगों की मदद ली जा सके। माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन, मेटा प्लेटफॉर्म इनकॉरपोरेट (फेसबुक) और गूगल एलएलसी भी अपने कोड गिटहब पर उपलब्ध कराते हैं, ताकि दूसरे लोग चाहें, तो उनका इस्तेमाल कर लें। माइक्रोसॉफ्ट ने 2018 में गिटहब को 7.5 अरब डॉलर की कीमत देकर खरीदा था। इस प्लेटफॉर्म पर गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के सोर्स कोड भी उपलब्ध हैं। फेसबुक के एंड्रॉयड और आईओएस एप्स के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट्स भी यहाँ उपलब्ध हैं।