इन अफगान महिलाओं की तस्वीरों ने इस्लामिक अमीरात में महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की झलक दिखाई है। कोई इनके हाथ को न देख सके इसके लिए उन्होंने काले रंग के दस्ताने पहन रखे थे। इन महिलाओं ने वायदा किया कि वे लैंगिक अलगाव की तालिबान-नीति का प्रतिबद्धता के साथ पालन भी करेंगी।
नवभारत
टाइम्स में पढ़ें विस्तार से
जेहादी-जीत का जश्न
9/11 की 20वीं बरसी को जेहादी अपनी दोहरी जीत के तौर पर मना रहे हैं. यह मौका तालिबान की सत्ता में वापसी का भी है। अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की वापसी को जेहाद के लिए एक तख़्तापलट और देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के तौर पर देखा जा रहा है। 20 साल पहले अमेरिका में विमानों को अगवा किए जाने के लिए ज़िम्मेदार आतंकी संगठन अल-क़ायदा ने तालिबान को उसकी 'ऐतिहासिक जीत' के लिए आगे बढ़कर बधाई दी है। यह सब कुछ ऐसे वक़्त में हो रहा है जब पश्चिमी ताक़तें मुस्लिम बहुल हिंसा प्रभावित देशों से अपनी सेनाओं की संख्या कम कर रही हैं।
बीबीसी हिंदी पर विस्तार
से पढ़ें मीना अल-लामी का यह आलेख
ग्वांतानामो बे के पाँच कैदी
9/11 हमले की मनहूस वर्षगांठ पर नए सिरे से उसके उन पांच संदिग्धों पर ध्यान देने की ज़रूरत है जिन पर उस साज़िश को रचने का आरोप है। ख़ालिद शेख़ मोहम्मद समेत ये पांचों अभियुक्त ग्वांतानामो बे में इसी हफ़्ते कोरोना वायरस की वजह से 18 महीने के अंतराल के बाद पेश हुए। इस प्री-ट्रायल को देखने वहां इस हमले के शिकार लोगों के रिश्तेदार, एनजीओ के सदस्य और कुछ चुनिंदा पत्रकार भी मौजूद थे। पहले ही दुनिया से कटा हुआ महसूस करने वाले ग्वांतानामो बे और इस मुक़दमे की भयावहता को देखते हुए यह कोर्ट-रूम पहले ही अपने आप में अनूठा था।