Sunday, February 21, 2021

पिछड़ा क्यों दक्षिण एशिया?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले गुरुवार को चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान दक्षिण एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच डॉक्टरों, नर्सों और एयर एंबुलेंस की निर्बाध आवाजाही के लिए क्षेत्रीय सहयोग योजना के संदर्भ में कहा कि 21 वीं सदी को एशिया की सदी बनाने के लिए अधिक एकीकरण महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान सहित 10 पड़ोसी देशों के साथ कोविड-19 प्रबंधन, अनुभव और आगे बढ़ने का रास्ता विषय पर एक कार्यशाला में उन्होंने यह बात कही। इस बैठक में मौजूद पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारत के रुख का समर्थन किया। बैठक में यह भी कहा गया कि अति-राष्ट्रवादी मानसिकता मदद नहीं करेगी। पाकिस्तान ने कहा कि वह इस मुद्दे पर किसी भी क्षेत्रीय सहयोग का हिस्सा होगा।

मोदी ने कहा, महामारी के दौरान देखी गई क्षेत्रीय एकजुटता की भावना ने साबित कर दिया है कि इस तरह का एकीकरण संभव है। कई विशेषज्ञों ने घनी आबादी वाले एशियाई क्षेत्र और इसकी आबादी पर महामारी के प्रभाव के बारे में विशेष चिंता व्यक्त की थी, लेकिन हम एक समन्वित प्रतिक्रिया के साथ इस चुनौती सामना कर रहे हैं। इस बैठक और इस बयान के साथ पाकिस्तानी प्रतिक्रिया पर गौर करना बहुत जरूरी है। कोविड-19 का सामना करने के लिए भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी इन दिनों खासतौर से चर्चा का विषय है।

वैक्सीन राजनय

पाकिस्तान को छोड़कर, सभी पड़ोसी देशों को भारत ने वैक्सीन दी है। पाकिस्तान को चीन से पाँच लाख खुराकें मिली हैं, पर वहाँ इन दिनों कहा जा  रहा है कि हमें भारत से वैक्सीन माँगनी चाहिए। पाकिस्तान के औषधि नियामक ने सबसे पहले भारत के सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन को स्वीकृति दी है। इसका मतलब क्या है? भारत की हर पहल, हर प्रस्ताव पर सिर्फ विरोध करने की अपनी आदत में क्या पाकिस्तान बदलाव ला रहा है? क्या हम दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग की उम्मीद करें? क्या हम दक्षेस को फिर से सक्रिय कर सकते हैं?

मटमैली गंगा


उत्तराखंड के पंच प्रयाग हैं। विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रूद्रप्रयाग और देवप्रयाग। नदियों का संगम भारत में बहुत ही पवित्र माना जाता है। नदियां देवी का रूप मानी जाती हैं। प्रयाग में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम के बाद गढ़वाल-हिमालय के क्षेत्र के संगमों को सबसे पवित्र माना जाता है, क्योंकि गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों का यही उद्गम स्थल है। जिन जगहों पर इनका संगम होता है उन्हें प्रमुख तीर्थ माना जाता है। यहीं पर श्राद्ध के संस्कार होते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ये तस्वीरें देवप्रयाग की हैं। इन तस्वीरों में हाल की उत्तराखंड आपदा के पहले और बाद की स्थिति नजर आ रही है। दूसरी तस्वीर शुक्रवार 13 फरवरी की है। इसमें अलकनंदा का मटमैला रंग देखा जा सकता है। यानी पानी तब तक साफ हुआ नहीं था। अलकनंदा सतोपथ ग्लेशियर से शुरू होती है और विष्णुप्रयाग में धौली गंगा से मिलती है, जिसमें 7 फरवरी की बाढ़ के बाद मिट्टी और पत्थर पानी के साथ बहकर आए। इसके बाद अलकनंदा, नंदप्रयाग में नंदाकिनी से मिलती है। फिर कर्णप्रयाग में पिंडर से और रूद्रप्रयाग में मंदाकिनी से और फिर भगीरथी से देवप्रयाग में मिलती है। इसके बाद इसका नाम गंगा होता है। देवप्रयाग में अलकनंदा तथा भागीरथी नदियों का संगम होता है। यहाँ से आगे इसे गंगा कहा जाता है।

इंडियन एक्सप्रेस में लालमणि वर्मा की रिपोर्ट के अनुसार बरसात में नदियों का पानी कुछ मटमैला हो जाता है, पर सर्दियों में ऐसा होने की जानकारी नहीं है। गत 7 फरवरी को आई बाढ़ के साथ मिट्टी बहकर चार दिन बाद ऋषिकेश पहुँची। यानी 250 किलोमीटर की यात्रा में उसे चार दिन लगे। 

 

 

 

Saturday, February 20, 2021

चीनी चक्कर यानी भरोसों और अंदेशों की डाड़ा मेड़ी

सन 1962 के युद्ध के बाद से भारत में चीन को लेकर इतना गहरा अविश्वास है कि आम जनता की बात छोड़ दें, बड़े विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि देखिए आगे होता क्या है। संदेह की वजह यह भी है कि सीमाओं की बात तो छोड़िए, वास्तविक नियंत्रण रेखाएं भी अस्पष्ट हैं। लद्दाख का ज्यादातर सीमा-क्षेत्र जनशून्य होने के कारण सैनिकों की गश्त और चौकियों, बैरकों और सड़कों के निर्माण की जानकारी भी काफी देर से मिलती है।  

अब सेना ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं। पैंगोंग त्सो इलाके से चीनी सैनिकों की वापसी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किए जा रहे हैं। झील के उत्तरी किनारे पर चीन ने फिंगर 5 पर बनी एक जेटी (घाट) को तोड़ दिया है, जिसे उन्होंने अपनी गश्ती नौकाओं के संचालन के लिए बनाया था। एक हैलिपैड भी खत्म किया है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक करीब 150 टैंक और 5000 सैनिक पीछे हट चुके हैं।

समझौते से उम्मीद बँधी है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण की स्थितियाँ स्पष्ट होंगी। ऐसे में प्रेम शंकर झा जैसे आलोचक भी मान रहे हैं कि रिश्ते अब सुधरने लगेंगे। इसके विपरीत कुछ विशेषज्ञ अब भी कह रहे हैं कि फिंगर 3 से 8 के बीच का इलाका पहले पूरी तरह भारतीय गश्त का क्षेत्र था। इसे नो मैंस लैंड बनाकर हम अपने दावे को छोड़ रहे हैं।  

भारत माता का टुकड़ा

कड़वाहट तब बढ़ी, जब राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'कायर' करार दिया और कहा कि उन्होंने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दे दिया। उन्होंने कहा कि हम फिंगर 4 से फिंगर 3 तक आ गए…हमारी जमीन फिंगर 4 तक है। देपसांग के इलाके में चीन अंदर आया है। रक्षामंत्री ने उसके बारे में एक शब्द नहीं बोला। गोगरा और हॉट स्प्रिंग के बारे में एक शब्द नहीं बोला, जहां चीनी बैठे हुए हैं।’

Friday, February 19, 2021

शबाना को फाँसी से बचाने की कोशिशें

 

रामपुर की जेल में कैद शबनम को अब जल्द ही फाँसी पर चढ़ाए जाने की खबरें आने के बाद से देश में फाँसी की सजा को लेकर बहस फिर से शुरू हो गई है। दुनिया में मानवाधिकारवादियों का एक बड़ा तबका मानता है कि मृत्युदंड समाप्त होना चाहिए। शबाना ने अब फाँसी की सजा टलवाने की आखिरी कोशिशें शुरू कर दी हैं। यदि उसे फाँसी हुई, तो वह स्वतंत्र भारत में फाँसी पाने वाली पहली महिला होगी। उसे फाँसी दी गई, तो वह मथुरा में होगी, क्योंकि देश में महिला कैदी को फाँसी देने की व्यवस्था केवल मथुरा की जेल में है।

नेशनल लॉ युनिवर्सिटी, नई दिल्ली की सन 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 12 स्त्रियाँ फाँसी की सजा का इंतजार कर रही हैं। ये सभी महिलाएं पिछड़े वर्गों या धार्मिक अल्पसंख्यकों से ताल्लुक रखती हैं। फाँसी की सजा प्राप्त एक और मामला दो बहनों रेणुका शिंदे और सीमा मोहन गवित का है। इनकी दया याचिका भी राष्ट्रपति के दफ्तर से अस्वीकार की जा चुकी है। इनपर 1990 से 1996 के बीच महाराष्ट्र के अनेक बच्चों के अपहरण और उनकी हत्या करने का आरोप है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की हसनपुर तहसील के बावनखेड़ी गाँव में रहने वाली शबनम सैफी समुदाय से थी और उसका प्रेमी पठान। इस वजह से उनके परिवार इस विवाह के लिए तैयार नहीं थे। अंग्रेजी और भूगोल दो विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करने वाली शबनम शिक्षा मित्र (सरकारी स्कूलों में अध्यापिका) का काम करती थी।

Thursday, February 18, 2021

ई श्रीधरन का भाजपा में आना


मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन जल्द ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले हैं। भाजपा ने दावा किया कि मेट्रो मैन श्रीधरन 21 फरवरी को पार्टी की विजय यात्रा के दौरान बीजेपी में शामिल होंगे। केरल बीजेपी चीफ के सुरेंद्रन के नेतृत्व में भाजपा 21 फरवरी से विजय यात्रा निकाल रही है।

सुरेंद्रन ने कहा कि यह हमारी इच्छा है कि मेट्रो मैन विधानसभा चुनाव लड़ें। हमने इसका प्रस्ताव दिया है। हालांकि, श्रीधरन की ओर से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कासरगोड से शुरू होने वाली पार्टी की 'विजय यात्रा' के दौरान वे भाजपा में शामिल होंगे। विजय यात्रा जब मलप्पुरम पहुंचेगी तभी वह पार्टी से जुड़ेंगे। मलप्पुरम श्रीधरन का गृह जिला है।

मेट्रो जैसे क्रांतिकारी परिवहन माध्यम में उनके योगदान की वजह से साल 2001 में उन्हें पद्मश्री और 2008 में पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं विकास कार्यों में इनके योगदान को देखते हुए फ्रांस सरकार ने भी साल 2005 में इन्हें 'Chavalier de la Legion d’honneur' अवार्ड से सम्मानित किया था। इसके अलावा, अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध पत्रिका टाइम मैगजीन ने इन्हें ‘एशिया का हीरो’ का टाइटल दिया था।