इस साल मई में लालू यादव के पारिवारिक ठिकानों पर जब सीबीआई की छापा-मारी हुई तो लालू
यादव ने ट्वीट किया, ‘बीजेपी में हिम्मत नहीं कि
लालू की आवाज को दबा सके…लालू की आवाज दबाएंगे तो देशभर में करोड़ों
लालू खड़े हो जाएंगे।’ यह राजनीतिक बयान था। उन छापों के बाद यह भी समझ में
आने लगा कि लालू और नीतीश कुमार के बीच खलिश काफी बढ़ चुकी है। छापों की खबर आते
ही लालू ने अपने ट्वीट में एक ऐसी बात लिखी जिसका इशारा नीतीश कुमार की तरफ़ था।
उन्होंने लिखा, ‘बीजेपी को उसका नया एलायंस पार्टनर मुबारक हो।’
बात का बतंगड़ बनने के
पहले ही लालू ने बात
बदल दी। उन्होंने कहा बीजेपी के ‘पार्टनर’ माने आयकर विभाग और सीबीआई।
लालू ने एक तीर से दो शिकार कर लिए। वे जो कहना चाहते
थे, वह हो गया। उधर नीतीश कुमार ने कहा, बीजेपी जो आरोप लगा रही है, उसमें सच्चाई है तो
केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों से जांच या कार्रवाई क्यों नहीं कराती? पिछले साल नवंबर में नोटबंदी का नीतीश कुमार ने स्वागत किया था।
उसके साथ उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री को बेनामी संपत्ति के ख़िलाफ़ भी
कार्रवाई करनी चाहिए। लालू यादव के परिवार की जिस सम्पत्ति को सीबीआई ने छापे डाले
हैं, उसका मामला नीतीश की पार्टी ने ही सन 2008 में उठाया था। तब केंद्र में
कांग्रेस की सरकार थी। आज बीजेपी सरकार है और बेनामी सम्पत्ति कानून में बदलाव हो
चुका है। लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती और उनके पति इन दिनों सीबीआई और प्रवर्तन
निदेशालय के घेरे में हैं।