भारतीय डिप्लोमेसी के संदर्भ में कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाएं तेजी से घटित
हुईं हैं और कुछ होने वाली हैं, जिन पर हमें ध्यान देना चाहिए। डोनाल्ड ट्रंप ने
जलवायु परिवर्तन की पेरिस-संधि से अमेरिका के हटने की घोषणा करके वैश्विक राजनीति
में तमाम लहरें पैदा कर दी हैं। भारत के नजरिए से अमेरिका के इस संधि से हटने के
मुकाबले ज्यादा महत्वपूर्ण है ट्रंप का भारत को कोसना। यह बात अब प्रधान मंत्री की
इसी महीने होने वाली अमेरिका यात्रा का एक बड़ा मुद्दा होगी।
नरेन्द्र मोदी इन दिनों विदेश यात्रा पर हैं। इस यात्रा में वे ऐसे देशों
से मिल रहे हैं, जो आने वाले समय में वैश्विक नेतृत्व से अमेरिका के हटने के बाद
उसकी जगह लेंगे। इनमें जर्मनी और फ्रांस मुख्य हैं। रूस और चीन काफी करीब आ चुके
हैं। भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का विरोध तो किया ही है चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पहल का भी विरोध किया
है। इस सिलसिले में हुए शिखर सम्मेलन का
बहिष्कार करके भारत ने बर्र के छत्ते में हाथ भी डाल दिया है।




