एक ट्रक के पीछे लिखा था, ‘कृपया आम आदमी पार्टी की स्पीड से न चलें...।’ आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली की राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव का परिणाम खतरनाक संदेश लेकर आया है। पार्टी इस हार पर ज्यादा चर्चा करने से घबरा रही है। उसे डर है कि अगले हफ्ते होने वाले एमसीडी के चुनावों के परिणाम भी ऐसे ही रहे तो लुटिया डूबना तय है। इसके बाद पार्टी का रथ अचानक ढलान पर उतर जाएगा। लगता है कि ‘नई राजनीति’ का यह प्रयोग बहुत जल्दी मिट्टी में मिलने वाला है।
हाल में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि छह महीने में दिल्ली में एक बार फिर विधानसभा चुनाव होंगे। पता नहीं उन्होंने यह बात क्या सोचकर कही थी, पर यह सच भी हो सकती है। आम आदमी पार्टी का उदय जिस तेजी से हुआ था, वह तेजी उसकी दुश्मन साबित हो रही है। जनता ने उससे काफी बड़े मंसूबे बाँध लिए थे। पर पार्टी सामान्य दलों से भी खराब साबित हुई। उसमें वही लोग शामिल हुए जो मुख्यधारा की राजनीति में सफल नहीं हो पाए थे। हालांकि सन 2015 के चुनाव ने पार्टी को 70 में से 67 विधायक दिए थे, पर अब कितने उसके साथ हैं, कहना मुश्किल है।
हाल में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि छह महीने में दिल्ली में एक बार फिर विधानसभा चुनाव होंगे। पता नहीं उन्होंने यह बात क्या सोचकर कही थी, पर यह सच भी हो सकती है। आम आदमी पार्टी का उदय जिस तेजी से हुआ था, वह तेजी उसकी दुश्मन साबित हो रही है। जनता ने उससे काफी बड़े मंसूबे बाँध लिए थे। पर पार्टी सामान्य दलों से भी खराब साबित हुई। उसमें वही लोग शामिल हुए जो मुख्यधारा की राजनीति में सफल नहीं हो पाए थे। हालांकि सन 2015 के चुनाव ने पार्टी को 70 में से 67 विधायक दिए थे, पर अब कितने उसके साथ हैं, कहना मुश्किल है।