प्रमोद जोशी
वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
गुरुवार, 5 दिसंबर, 2013 को 09:24 IST तक के समाचार
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान 67 प्रतिशत के आस पास हुआ है. अनेक मतदान केंद्रों पर रात 9.30 बजे तक वोट पड़ते रहे. मतदान की समय सीमा शाम साढ़े पाँच बजे के बाद 1.72 लाख वोट पड़े. लगभग डेढ़ फीसदी वोट उन मतदाताओं का था, जो साढ़े पाँच बजे तक मतदान केंद्र के भीतर आ चुके थे.
दिल्ली के लिए यह मतदान नया कीर्तिमान है. इसके पहले हुए चार चुनावों में क्रमशः 57.8 (2008), 54.4 (2003), 49.0(1998) और 61.8(1993) प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार मिजोरम में 83 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 77 फीसदी, मध्य प्रदेश में 76 और राजस्थान में 75 फीसदी मतदान जनता की हिस्सेदारी को साबित करता है.
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पिछले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और कर्नाटक में ज्यादा मतदान हुआ. जातीय हिंसा और लंबे ब्लॉकेड के बावजूद मणिपुर में ऊँचा मतदान हुआ था.
अभी तक की परंपरा है कि हम भारी मतदान के मानये ‘एंटी इनकंबैंसी’ मानते थे. यानी कि सरकार से नाराज़गी. पर पिछले साल पंजाब और हिमाचल पर यह बात लागू नहीं हुई.
बुधवार की शाम दिल्ली में हुए भारी मतदान की खबर के बारे में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से पूछा गया तो उनका जवाब था कि यह लोकतंत्र के मज़बूत होने की निशानी है. लोकतंत्र की मजबूती एक सामान्य निष्कर्ष है.