पाकिस्तान की संसद ने अपने थलसेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को असाधारण शक्तियां देने तथा देश के सुप्रीम कोर्ट को दूसरे दर्जे पर रखने के इरादे से तुर्त-फुर्त एक संविधान संशोधन किया है, जो फौरन लागू भी हो गया.
संविधान में 27वाँ संशोधन
गुरुवार 13 नवंबर को राष्ट्रपति के दस्तखत होने के बाद कानून बन गया, जिससे देश की व्यवस्था बुनियादी तौर पर बदल गई है. पहले कहा जाता था कि
दुनिया में पाकिस्तान की सेना ऐसी है, जो एक देश की मालिक है. अब कहा जा सकता है
कि आसिम मुनीर ऐसे सेनाध्यक्ष हैं, जो पाकिस्तान के मालिक हैं.
पाकिस्तानी सेना ने लंबे समय से देश की वास्तविक
सत्ता भोगी, कभी तख्तापलट के माध्यम से सत्ता पर कब्जा किया
है तो कभी पर्दे के पीछे से प्रभाव डाला है. पर अब जो हुआ है, वह हैरतंगेज़ है.
सेना का नया पद
नेशनल असेंबली ने बुधवार 12 नवंबर को हंगामे से
भरे सत्र के दौरान दो-तिहाई बहुमत से विवादास्पद 27वें संविधान संशोधन विधेयक को पास
कर दिया. इस संशोधन का उद्देश्य रक्षा बलों के प्रमुख का एक नया पद सृजित करना और
एक संवैधानिक न्यायालय की स्थापना करना है.
अब वहाँ के सेनाध्यक्ष देश के सबसे ताकतवर व्यक्ति बन गए हैं. एक और संशोधन के कारण सुप्रीम कोर्ट अब संविधान से जुड़े मुकदमों की सुनवाई नहीं कर सकेगा. उसकी जगह एक नए संघीय संवैधानिक न्यायालय का गठन शुरू हो गया है.




