Wednesday, November 18, 2020

भारत-द्रोही लॉर्ड नज़ीर की लॉर्ड्स सभा से बर्खास्तगी की सिफारिश

 


युनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ लॉर्ड्स की आचरण समिति ने गत मंगलवार 17 नवंबर को एक रिपोर्ट अपने एक सदस्य लॉर्ड नज़ीर के बारे में प्रकाशित की, जिसमें सिफारिश की गई थी कि इस व्यक्ति को सदन की सदस्यता से बर्खास्त कर देना चाहिए। इस बर्खास्तगी से पहले ही लॉर्ड नज़ीर ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और वे 14 नवंबर को सदस्यता से मुक्त हो चुके हैं। यह रिपोर्ट वस्तुतः लॉर्ड नज़ीर की कमिश्नर फॉर स्टैंडर्ड्स की एक जाँच रिपोर्ट के विरुद्ध याचिका को खारिज करते हुए दी गई थी। अब यह रिपोर्ट 19 नवंबर को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में पेश की जाएगी। यह पहला मौका है जब किसी हाउस ऑफ लॉर्ड्स के किसी सदस्य की बर्खास्तगी हुई हो।

ब्रिटेन में नज़ीर अहमद नाम का पाकिस्तानी मूल का यह नागरिक बीस साल पहले हाउस ऑफ लॉर्ड्स का सदस्य बनाया गया था। ब्रिटेन में भारत-विरोधी अभियानों का यह मुख्य संचालक था। सन 2019 में उसके खिलाफ एक शिकायत आई थी कि उसने सहायता माँगने आई एक महिला का यौन शोषण किया। सन 2017 में ताहिरा ज़मां नामक एक महिला ने उनके पास आकर माँग की थी कि एक मुस्लिम पीर या ओझा की जाँच कराई जाए, जो स्त्रियों के लिए खतरनाक है।

ताहिरा ज़मां ने पिछले साल बीबीसी के कार्यक्रम न्यूज़नाइट में बताया था कि लॉर्ड नज़ीर ने मुझे बार-बार डिनर पर बुलाया और अंत में मैं इसके लिए तैयार हो गई। इसके बाद उसने मुझे पूर्वी लंदन स्थित अपने घर पर चलने को कहा। दोनों के बीच सहमति से सहवास भी हुआ, पर ताहिरा का कहना है कि मुझे मदद की जरूरत थी और इस आदमी ने इसका फायदा उठाया और अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।

Tuesday, November 17, 2020

गुपकार गठबंधन पर जवाबी बयानबाज़ी

 



जम्मू-कश्मीर में गुपकार गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच बयानबाज़ी काफी कटु स्तर पर आ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे बताया 'गुपकार गैंग' कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर को ये लोग आतंक के दौर में वापस ले जाना चाहते हैं। अमित शाह ने ट्विटर पर कहा कि ये लोग विदेशी ताकतों का जम्‍मू-कश्‍मीर में दखल चाहते हैं।

हालांकि कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है, पर उसका समर्थन इस गठबंधन को प्राप्त है। गुपकार गठबंधन ने डीडीसी चुनाव में उतरे जिन प्रत्याशियों की सूची जारी की है, उनमें कांग्रेस के प्रत्याशी भी शामिल हैं।  शाह ने कहा है, गुपकार गैंग भारत के तिरंगे का अपमान करता है। क्या सोनिया जी और राहुल गुपकार गैंग के ऐसे कदमों का समर्थन करते हैं? उन्‍हें देश की जनता के सामने अपना स्टैंड साफ करना चाहिए।

इसके जवाब में महबूबा मुफ्ती ने कहा, चुनाव लड़ना भी अब राष्ट्र-विरोधी हो गया। बीजेपी जितने चाहे गठबंधन करे, हम करें तो राष्ट्र-द्रोह? महबूबा मुफ्ती ने तिरंगे झंडे के बार में अपने बयान में तब्दीली की है। उनका कहना है कि कश्मीर का झंडा भी तिरंगे के साथ हमारे हाथ में होगा। इसका आशय है कि वे भारतीय राष्ट्र राज्य के भीतर रहते हुए कश्मीर की स्वायत्तता की समर्थक हैं। कमोबेश यही स्थिति उनकी पिछले साल अनुच्छेद 370 हटने के पहले की थी। तबसे अबतक फर्क यह पड़ा है कि कश्मीर के ज्यादातर दल आपसी प्रतिद्वंद्विता भुलाकर एकसाथ आ गए हैं। उन्होंने घाटी के बाद जम्मू क्षेत्र में में भी संपर्क साधा है।

Monday, November 16, 2020

कांग्रेस के भविष्य पर फिर एक और सवाल


कांग्रेस का वरिष्ठ नेता सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, बिहार चुनाव और दूसरे राज्यों के उपचुनावों के हाल के प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी (के शीर्ष नेतृत्व) के विचार अब तक सामने नहीं आए हैं। शायद उन्हें लगता है कि सब ठीक है और इसे सामान्य घटना ही माना जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान लिया है। और यह भी कहा कि लोग शायद अब कांग्रेस को बीजेपी का विकल्प मानते ही नहीं।  

इससे पहले बिहार कांग्रेस के बड़े नेता तारिक अनवर ने कहा था कि बिहार चुनाव परिणाम पर पार्टी में अंतर्मंथन होना चाहिए। इस दौरान आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने इशारों-इशारों में कहा कि कांग्रेस देशभर में अपने गठबंधन सहयोगियों पर बोझ बनती जा रही है। उसकी वजह से हर जगह गठबंधन का खेल खराब हो रहा है।

कपिल सिब्बल के पूरे इंटरव्यू को पढ़ें, तो उससे किसी झुंझलाए व्यक्ति की प्रतिक्रिया नहीं लगती है, पर इतना लगता है कि शायद पार्टी के भीतर उनका संवाद ज्यादा नहीं है। उनकी यह बात ध्यान देने वाली है कि जब विचार का कोई फोरम नहीं है, तब मैं अपनी बात सार्वजनिक रूप से कहने को बाध्य हूँ। उनकी बात से यह नहीं मान लिया जाना चाहिए कि पार्टी नेतृत्व अपनी उपलब्धियों या विफलताओं पर विचार नहीं करता, पर इतना जरूर लगता है कि नेतृत्व के स्तर पर भी पार्टी में या तो ध्रुवीकरण हो रहा है या कपिल सिब्बल जैसे लोग हाशिए हैं।

Sunday, November 15, 2020

ट्रंप ने हार मानी और नहीं भी मानी

 


हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने औपचारिक रूप से हार नहीं मानी है, पर पहली बार सार्वजनिक रूप से माना है कि जो बिडेन जीत गए हैं। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा है कि जो बिडेन की जीत फर्जीवाड़े की जीत है। जैसे ही मीडिया में उनके इस ट्वीट को हार की स्वीकृति माना गया, उन्होंने एक और ट्वीट किया कि हार नहीं मान रहा हूँ। बता रहा हूँ कि यह फर्जीवाड़े की जीत है। उधर वॉशिंगटन से खबरें हैं कि ट्रंप समर्थकों ने जुलूस निकाले हैं और कई जगह ट्रंप समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पें हुई हैं। 

Friday, November 13, 2020

मतगणना को लेकर तेजस्वी की शिकायत के पीछे वजह क्या है?

 


बिहार चुनाव परिणाम आने के बाद से चुप रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार 12 नवंबर को कहा कि जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, लेकिन चुनाव आयोग का परिणाम एनडीए के पक्ष में आया। यह पहली बार नहीं हुआ है। 2015 में जब महागठबंधन बना था, तब वोट हमारे पक्ष में थे, लेकिन बीजेपी ने सत्ता हासिल करने के लिए बैक डोर एंट्री ली। उनका आरोप है कि हमें लोगों का समर्थन मिला, लेकिन राजग ने धन, छल और बल के जरिए चुनावी जीत हासिल की।