नरेन्द्र मोदी ने 8 नवम्बर के
संदेश और उसके बाद के भाषणों में इस बात को कहा है कि सार्वजनिक जीवन में
भ्रष्टाचार के खिलाफ मैं बड़ी लड़ाई लड़ना चाहता हूँ। बहुत से लोगों को उनकी बात
पर यकीन नहीं है, पर जिन्हें यकीन है उनकी तादाद भी कम नहीं है। मोदी ने कहा है कि
मुझे कम से कम 50 दिन दो। भारतीय जनता के मूड को देखें तो वह उन्हें पचास दिन नहीं
पाँच साल देने को तैयार है, बशर्ते उस काम को पूरा करें, जिसका वादा है। सन 1971
और 1977 में देश की जनता ने सत्ताधारियों को ताकत देने में देर नहीं लगाई थी।
नोटबंदी की घोषणा होने के बाद से कांग्रेस सहित ज्यादातर
विरोधी दलों ने आंदोलन का रुख अख्तियार किया है। वे जनता की दिक्कतों को रेखांकित
कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले अरविन्द केजरीवाल भी इस फैसले
के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि यह फैसला खुद में बड़ा स्कैम है। कहा यह भी जा रहा
है कि बीजेपी ने नोटबंदी की चाल अपने राजनीतिक प्रतिस्पर्धियों को यूपी में मात
देने के लिए चली है। बीजेपी ने अपना इंतजाम करने के बाद विरोधियों को चौपट कर दिया
है।