भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में सुधार की कोशिशों को लेकर ब्लूमबर्ग ने खबर दी है कि पिछले महीने दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा पर शांति बनाने की जो घोषणा की है, उसके पीछे संयुक्त अरब अमीरात का एक खुफिया रोडमैप है। इसकी झलक गत 25 फरवरी को विदेशमंत्री एस जयशंकर और यूएई के विदेशमंत्री शेख अब्दुल्ला बिन ज़ायेद के संयुक्त घोषणापत्र में देखी जा सकती है।
खबर के अनुसार
यूएई के महीनों के खुफिया प्रयासों से नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम संभव हो पाया। अपना
उल्लेख न करने का आग्रह करते हुए जिस अधिकारी ने यह जानकारी दी है, उसके अनुसार यह
युद्धविराम उस लंबी प्रक्रिया की शुरुआत मात्र है, जो इस शांति-स्थापना का काम करेगी।
इस प्रक्रिया का
अगला चरण है दोनों देशों के उच्चायुक्तों की बहाली। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर
से अनुच्छेद 370 की वापसी के बाद पाकिस्तान ने अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया
था। जवाब में भारतीय उच्चायुक्त भी बुला लिए गए थे।
राजनयिक रिश्तों की बहाली के बाद व्यापारिक रिश्तों की बहाली होगी और कश्मीर के स्थायी समाधान पर बातचीत की शुरुआत होगी। हालांकि सरकारी अधिकारी मानते हैं कि कारोबार और उच्चायुक्तों की बहाली के बाद की प्रक्रिया आसान नहीं है। अलबत्ता पंजाब के ज़मीनी रास्ते से व्यापार फिर शुरू हो सकता है।