अनुच्छेद 370 को
निष्प्रभावी करने का आदेश पास होने के 23 दिन बाद राहुल गांधी ने कश्मीर के सवाल
पर एक महत्वपूर्ण ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘सरकार के साथ हमारे कई मुद्दों को लेकर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह साफ है कि कश्मीर हमारा आंतरिक
मामला है। पाकिस्तान वहां
हिंसा फैलाने के लिए आतंकियों का समर्थन कर रहा है। इसमें पाकिस्तान समेत किसी भी
देश के दखल की जरूरत नहीं है।’
राहुल गांधी ने
ऐसा बयान क्यों जारी किया, इस वक्त क्यों किया और अभी तक क्यों नहीं किया था। ऐसे
कई सवाल मन में आते हैं। राहुल के बयान के पीछे निश्चित रूप से पाकिस्तान सरकार
द्वारा संयुक्त राष्ट्र को लिखे गए एक ख़त का मजमून है। इसमें पाकिस्तान ने आरोप
लगाया कि कश्मीर में हालात सामान्य होने के भारत के दावे झूठे हैं। इन दावों के
समर्थन में राहुल गांधी के एक बयान का उल्लेख किया गया है, जिसमें राहुल ने माना
है कि 'कश्मीर में लोग मर रहे
हैं' और वहां हालात सामान्य
नहीं हैं।
बड़ी देर कर दी…
‘हालात सामान्य नहीं हैं’ तक बात मामूली है,
क्योंकि देश में काफी लोग मान रहे हैं कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं है। सरकार
भी एक सीमा तक यह बात मानती है। पर 'कश्मीर में लोग मर रहे हैं' कहने पर मतलब कुछ और निकलता है। तथ्य यह है कश्मीर में किसी
आंदोलनकारी के मरने की खबर अभी तक नहीं है। पाकिस्तानी चिट्ठी में नाम आने से राहुल
गांधी का सारा राजनीतिक गणित उलट गया है। उन्होंने अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करने
में देर कर दी है। कहना मुश्किल है कि आने वाले दिनों में उनकी राजनीति की दिशा
क्या होगी।