चुनाव की राजनीति के लिहाज से 2019 का साल तो महत्वपूर्ण है, पर उसके पहले 2018 भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। साल की शुरुआत नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय और कर्नाटक के चुनावों से होगी। इसके बाद मिजोरम और भाजपा शासित तीन महत्वपूर्ण राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होंगे। इन आठ में से पूर्वोत्तर के चार राज्यों को छोड़ दें, तो शेष चारों राज्यों की भूमिका 2019 के लोकसभा चुनाव में भी काफी बड़ी होगी। इनमें से तीन राज्यों में बीजेपी की सरकार है और एक में कांग्रेस की। एक तरफ अमित शाह इन सबमें अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, वहीं राहुल गांधी के नेतृत्व में सक्रिय हुई कांग्रेस भी अपनी स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश करेगी।
आठ विधानसभाओं के इन चुनावों के अलावा इस साल राज्यसभा के चुनाव भी राष्ट्रीय राजनीति को बड़ा मोड़ देंगे। एक नजर डालें इन चुनावों पर।
कर्नाटक
कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 28 मई 2018 तक है। आशा है कि इस राज्य में अप्रेल में चुनाव होंगे। 225-सदस्यों वाली विधानसभा के चुनाव का कार्यक्रम फरवरी-मार्च में घोषित हो सकता है। इस वक्त राज्य में कांग्रेस के पास 123 सीटें हैं और बीजेपी के पास 44। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के पास 32 सीटें हैं। पिछले चुनाव में इस पार्टी को 40 सीटें मिली थीं, पर इसके आठ विधायकों की सदस्यता निलंबित कर दी गई।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 7 जनवरी 2019 तक है। इसका मतलब है कि यहाँ दिसम्बर 2018 तक चुनाव पूरे हो जाएंगे। राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं। पिछले चुनाव में यहाँ से बीजेपी के 165 सदस्य चुनकर आए और कांग्रेस के 57। शिवराज चौहान लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद पर चुनकर आए थे। इस राज्य में कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर है।
राजस्थान
राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल 20 जनवरी 2019 तक है। यानी यहाँ भी दिसम्बर के अंत तक चुनाव हो जाएंगे। राज्य विधानसभा में 200 सीटें हैं। सन 2013 के चुनाव में यहाँ से बीजेपी को 163 सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस को केवल 23 सीटें मिलीं। उसके पहले राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस कोशिश करेगी कि वह फिर से जीतकर सत्ता में आए।
छत्तीसगढ़
छत्तीगढ़ विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2019 तक है। यहाँ भी दिसम्बर 2018 में चुनाव होंगे। यहाँ के मुख्यमंत्री लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की कोशिश करेंगे। यहाँ से विधानसभा के 90 सदस्य चुने जाते हैं। सन 2013 के चुनाव में यहाँ बीजेपी को 50 सीटें मिलीं और कांग्रेस को 39। इस राज्य में भी काँटे का मुकाबला है और कांग्रेस सत्ता पर आने की कोशिश करेगी।
नगालैंड
नगालौंड विधानसभा का कार्यकाल 13 मार्च 2018 तक है। यहाँ फरवरी में चुनाव होने की सम्भावना है। इसका मतलब है कि अब किसी भी वक्त यहाँ के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है। राज्य में नगालैंड पीपुल्स फ्रंट (NPF) की सरकार है। यहाँ की विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। सन 2013 के चुनाव में NPF को 37 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 8 और बीजेपी को 2 सीटें मिली थीं। अब बीजेपी इस राज्य में अपनी स्थिति सुधारना चाहती है।
मेघालय
मेघालय विधानसभा का कार्यकाल 6 मार्च 2013 तक है। यहाँ भी फरवरी 2018 में चुनाव होने की सम्भावना है। यहाँ की विधानसभा में भी 60 सीटें हैं। यहाँ मुकुल संगमा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है। सन 2013 के चुनाव में कांग्रेस को यहाँ से 29 सीटें मिली थीं, 13 निर्दलीय सदस्य भी जीते थे। बीजेपी इस राज्य पर कब्जा करना चाहती है।
त्रिपुरा
त्रिपुरा सीपीएम का गढ़ रहा है। सन 2013 में यहाँ लगातार पाँचवीं बार वाममोर्चा को जीत मिली थी। यहाँ विधानसभा में 60 सीटें हैं। सन 2013 में यहाँ सीपीएम को 49 सीटें मिली थीं। यहाँ के मुख्यमंत्री माणिक सरकार की छवि अच्छी है। इस राज्य में कांग्रेस पार्टी अपनी स्थिति बेहतर करने की कोशिश करेगी।
मिजोरम
मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 15 दिसम्बर 2018 तक है। इसका मतलब है कि यहाँ चुनाव इस साल नवम्बर के अंत तक हो सकते हैं। यहाँ विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं। सन 2013 के चुनाव में यहाँ से कांग्रेस को 34 सीटें मिलीं थीं। दूसरे नम्बर की पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट थी, जिसे 5 और मिजो फीपुल्स कांफ्रेंस को एक सीट मिली। राज्य में बीजेपी ने अपनी गतिविधियाँ बढ़ाईं हैं। यहाँ मारालैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट का भाजपा में विलय हो जाने के बाद पार्टी संगठन बन गया है। बीजेपी की योजना पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी पहुँच बढ़ाने की है। इस लिहाज से यह चुनाव महत्वपूर्ण होगा।
आठ विधानसभाओं के इन चुनावों के अलावा इस साल राज्यसभा के चुनाव भी राष्ट्रीय राजनीति को बड़ा मोड़ देंगे। एक नजर डालें इन चुनावों पर।
कर्नाटक
कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 28 मई 2018 तक है। आशा है कि इस राज्य में अप्रेल में चुनाव होंगे। 225-सदस्यों वाली विधानसभा के चुनाव का कार्यक्रम फरवरी-मार्च में घोषित हो सकता है। इस वक्त राज्य में कांग्रेस के पास 123 सीटें हैं और बीजेपी के पास 44। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के पास 32 सीटें हैं। पिछले चुनाव में इस पार्टी को 40 सीटें मिली थीं, पर इसके आठ विधायकों की सदस्यता निलंबित कर दी गई।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 7 जनवरी 2019 तक है। इसका मतलब है कि यहाँ दिसम्बर 2018 तक चुनाव पूरे हो जाएंगे। राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं। पिछले चुनाव में यहाँ से बीजेपी के 165 सदस्य चुनकर आए और कांग्रेस के 57। शिवराज चौहान लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद पर चुनकर आए थे। इस राज्य में कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर है।
राजस्थान
राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल 20 जनवरी 2019 तक है। यानी यहाँ भी दिसम्बर के अंत तक चुनाव हो जाएंगे। राज्य विधानसभा में 200 सीटें हैं। सन 2013 के चुनाव में यहाँ से बीजेपी को 163 सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस को केवल 23 सीटें मिलीं। उसके पहले राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस कोशिश करेगी कि वह फिर से जीतकर सत्ता में आए।
छत्तीसगढ़
छत्तीगढ़ विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2019 तक है। यहाँ भी दिसम्बर 2018 में चुनाव होंगे। यहाँ के मुख्यमंत्री लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की कोशिश करेंगे। यहाँ से विधानसभा के 90 सदस्य चुने जाते हैं। सन 2013 के चुनाव में यहाँ बीजेपी को 50 सीटें मिलीं और कांग्रेस को 39। इस राज्य में भी काँटे का मुकाबला है और कांग्रेस सत्ता पर आने की कोशिश करेगी।
नगालैंड
नगालौंड विधानसभा का कार्यकाल 13 मार्च 2018 तक है। यहाँ फरवरी में चुनाव होने की सम्भावना है। इसका मतलब है कि अब किसी भी वक्त यहाँ के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है। राज्य में नगालैंड पीपुल्स फ्रंट (NPF) की सरकार है। यहाँ की विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। सन 2013 के चुनाव में NPF को 37 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 8 और बीजेपी को 2 सीटें मिली थीं। अब बीजेपी इस राज्य में अपनी स्थिति सुधारना चाहती है।
मेघालय
मेघालय विधानसभा का कार्यकाल 6 मार्च 2013 तक है। यहाँ भी फरवरी 2018 में चुनाव होने की सम्भावना है। यहाँ की विधानसभा में भी 60 सीटें हैं। यहाँ मुकुल संगमा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है। सन 2013 के चुनाव में कांग्रेस को यहाँ से 29 सीटें मिली थीं, 13 निर्दलीय सदस्य भी जीते थे। बीजेपी इस राज्य पर कब्जा करना चाहती है।
त्रिपुरा
त्रिपुरा सीपीएम का गढ़ रहा है। सन 2013 में यहाँ लगातार पाँचवीं बार वाममोर्चा को जीत मिली थी। यहाँ विधानसभा में 60 सीटें हैं। सन 2013 में यहाँ सीपीएम को 49 सीटें मिली थीं। यहाँ के मुख्यमंत्री माणिक सरकार की छवि अच्छी है। इस राज्य में कांग्रेस पार्टी अपनी स्थिति बेहतर करने की कोशिश करेगी।
मिजोरम
मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल 15 दिसम्बर 2018 तक है। इसका मतलब है कि यहाँ चुनाव इस साल नवम्बर के अंत तक हो सकते हैं। यहाँ विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं। सन 2013 के चुनाव में यहाँ से कांग्रेस को 34 सीटें मिलीं थीं। दूसरे नम्बर की पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट थी, जिसे 5 और मिजो फीपुल्स कांफ्रेंस को एक सीट मिली। राज्य में बीजेपी ने अपनी गतिविधियाँ बढ़ाईं हैं। यहाँ मारालैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट का भाजपा में विलय हो जाने के बाद पार्टी संगठन बन गया है। बीजेपी की योजना पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी पहुँच बढ़ाने की है। इस लिहाज से यह चुनाव महत्वपूर्ण होगा।