गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ राजनीतिक
गतिविधियाँ तेज हो गईं हैं। अब अगले हफ्ते यह तय होगा कि मुकाबला किसके बीच होगा।
और यह भी कि मुकाबला होगा भी या नहीं। सरकार ने विपक्ष की तरफ हाथ बढ़ाकर इस बात
का संकेत जरूर किया है कि क्यों न हम मिलकर एक ही प्रत्याशी का नाम आगे बढ़ाएं। बीजेपी अध्यक्ष
अमित शाह ने प्रत्याशी चयन के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में
वेंकैया नायडू, अरुण जेटली और राजनाथ सिंह शामिल हैं। इस समिति
ने विपक्ष सहित ज्यादातर राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी है।
एनडीए ने सन 2002 में प्रत्याशी का निर्णय करने के लिए समिति नहीं बनाई थी,
बल्कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की थी।
उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम का नाम सामने रखकर ऐसी स्थिति पैदा कर दी, जिसे
कांग्रेस नकार नहीं पाई थी। इसके विपरीत सन 2012 में कांग्रेस ने प्रणब मुखर्जी का
नाम घोषित करने के बाद मुख्य विपक्षी दल भाजपा से सम्पर्क किया था।