प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन प्रतीक रूप में व्यवस्था-दंड (गैवेल) राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो दा सिल्वा को सौंपते हुए जी-20 की अध्यक्षता अगले वर्ष के लिए ब्राज़ील को सौंप दी. भारत-मंडपम में सम्मेलन के तीसरे सत्र ‘एक भविष्य’ के साथ ही दिल्ली-सम्मेलन का समापन हो गया.
समापन के साथ पीएम
मोदी ने नवंबर में जी-20 के एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव भी किया है,
जिसमें दिल्ली सम्मेलन के फैसलों और सुझावों की समीक्षा की जाए. जी-20 की
अध्यक्षता 30 नवंबर तक भारत के पास है. इसका अर्थ है कि अभी भारत के पास करीब ढाई
महीने और हैं.
जिस दिल्ली-घोषणा को लेकर कई तरह के कयास थे,
वह अंतिम दिन जारी होने के बजाय, पहले दिन ही ज़ारी हो गई. इससे शिखर-सम्मेलन का पूरा
क्लाइमैक्स ही बदल गया. सम्मेलन के दूसरे दिन दुनिया की निगाहें, भू-राजनीति के
बजाय जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा जैसे मसलों पर टिक गईं.
जलवायु परिवर्तन
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शिखर सम्मेलन
में घोषणा की कि जलवायु परिवर्तन के कारण विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे
विकासशील देशों की सहायता के लिए ब्रिटेन ग्रीन क्लाइमेट फंड (जीसीएफ) में दो अरब
डॉलर का योगदान करेगा. यह धनराशि यूके की ओर से अब तक का सबसे बड़ा ‘सिंगल
फंडिंग’ योगदान
है.
शिखर-सम्मेलन का दूसरा दिन अपेक्षाकृत तनाव-मुक्त था. ‘एक भविष्य’ विषय पर तीसरा सत्र सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक हुआ, जिसके बाद सम्मेलन का समापन हो गया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस सत्र में शामिल नहीं हुए और वे अपने ‘एयरफोर्स वन’ विमान पर बैठकर हनोई चले गए, जहाँ वे वियतनाम के नेताओं से भेंट कर रहे हैं.