Friday, November 27, 2020

अर्थव्यवस्था मंदी में, फिर भी आशा की किरण


तकनीकी लिहाज से जब अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाही संकुचन दिखाएं, उस स्थिति को मंदी कहते हैं। तकनीकी दृष्टि से भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी में है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी का संकुचन 7.5 प्रतिशत है, जो बहुत से अंदेशों से बेहतर है, पर है तो संकुचन। देश के ज्यादातर विशेषज्ञ मानकर चल रहे थे कि यह संकुचन आठ फीसदी या उससे ज्यादा होगा। रिजर्व बैंक का अनुमान 8.6 फीसदी का था। मूडीज़ ने 10.6, केयर रेटिंग ने 9.9, क्रिसिल ने 12, इक्रा ने 9.5% और एसबीआई रिसर्च ने 10.7% की गिरावट का अनुमान जताया था।

इस संकुचन को नकारात्मक रूप से देखने के बाद यदि अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से देखना चाहें, तो वह भी संभव है। चूंकि पहली तिमाही में संकुचन करीब 24 फीसदी था, इसलिए यह 7.5 फीसदी का संकुचन तेज रिकवरी की जानकारी भी देता है। केवल पिछली तिमाही से तुलना करें, तो यह रिकवरी 20 फीसदी से भी ज्यादा की है। कहा जा सकता है कि लॉकडाउन के कारण बंद हुई अर्थव्यवस्था ने तेजी से अपनी वापसी शुरू की है।

जैसी आशा थी इस रिकवरी में सबसे बड़ी भूमिका खेती की है, जिसकी ग्रोथ 3.4 फीसदी की है। पर ज्यादा हैरत की बात है कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र भी संकुचन के बाह निकल आया है और उसमें 0.6 प्रतिशत की संवृद्धि दर्ज हुई है, जबकि अंदेशा था कि उसमें 9 प्रतिशत का संकुचन होगा। यह बाउंसबैक उम्मीद से ज्यादा साबित हुआ है।

लद्दाख में फौजियों के विशेष आवास


लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं इसबार सर्दियों में भी आमने-सामने हैं। आठ दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकला है। चूंकि उस इलाके में तापमान माइनस 40 डिग्री तक चला जाता है, इसलिए दोनों देशों ने अपने सैनिकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। इन व्यवस्थाओं में आधुनिकतम तकनीकों का इस्तेमाल है। इन व्यवस्थाओं पर नजर डालने के बाद एक बात साबित होती है कि भारतीय सेना ने 1962 के बाद माउंटेन वॉरफेयर में महारत हासिल कर ली है और सियाचिन से लद्दाख तक ऊँची बर्फीली पहाड़ियों में ज़ीरो डिग्री से भी नीचे तापमान पर रहते हुए सीमा की रक्षा करने में उसका मुकाबला नहीं। 

भारत ने पहले अपनी विशेष बैरकों का प्रदर्शन किया, तो चीन ने भी अपने इन आवासों का वीडियो जारी किया है। इन्हें देखना अपने आप में रोचक है। सवाल यह भी है कि इतने दुर्गम क्षेत्र में तापमान को नियंत्रित करने वाली टेक्नोलॉजी के संचालन के लिए ऊर्जा कहाँ से आएगी। बताते हैं कि ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा का इस्तेमाल इसके लिए किया जा रहा है। चीन तो पूरा बिजलीघर ही सीमा के पास लगा रहा है। 

Thursday, November 26, 2020

ओआईसी की बैठक को लेकर पाकिस्तान परेशान


नाइजर की राजधानी नियामे में शुक्रवार 27 नवंबर से हो रही ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक के एजेंडा में कश्मीर का जिक्र नहीं है। इस खबर से पाकिस्तान सरकार काफी परेशान है और उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफीज़ चौधरी ने कहा कि यह भारतीय मीडिया का प्रचार है कि बैठक के एजेंडा में कश्मीर नहीं है।

दरअसल आज सुबह पाकिस्तानी मीडिया हाउस डॉन की वैबसाइट पर यह खबर प्रकाशित की गई थी कि इस सिलसिले में ओआईसी के अंग्रेजी और अरबी भाषा में जारी वक्तव्य में कश्मीर का नाम नहीं है। इसके पहले हिंदुस्तान टाइम्स ने यह खबर दी थी कि एजेंडा में कश्मीर का जिक्र नहीं है।

अमेरिका में शुरू हुई ट्रांज़ीशन की प्रक्रिया

 


हफ़्तों तक चली खींचतान के बाद अमेरिका की जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन (जीएसए) के सामने यह सुनिश्चित हो गया है कि प्रेसीडेंट इलेक्ट जो बिडेन को राष्ट्रपति चुनावों में जीत मिल गई है। दूसरी ओर, मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी नए प्रशासन के लिए ट्रांज़ीशन प्रक्रिया शुरू करने की इजाज़त दे दी है। लिहाज़ा अमेरिका में बिडेन प्रशासन के लिए ट्रांज़ीशन प्रक्रिया अब शुरू हो गई है।

अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर बैठने की तैयारी काफ़ी जटिल और बेहद महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चुनाव जीतने और शपथ ग्रहण समारोह के बीच के समय को ट्रांज़ीशन कहा जाता है। यह ट्रांज़ीशन चुने गए राष्ट्रपति की नॉन-प्रॉफिट ट्रांज़ीशन टीम करती है। यह टीम कैंपेन टीम से अलग होती है और इसका अपना स्टाफ और बजट होता है।

Wednesday, November 25, 2020

आंतरिक चुनाव के लिए तैयार होती कांग्रेस


कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन और अंदरूनी बहस के बाहर निकल कर आने के बाद भीतर से अब सुगबुगाहट सुनाई पड़ रही है। मंगलवार 24 नवंबर को पार्टी की केंद्रीय चुनाव प्राधिकार (सीईए) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष तथा कार्यसमिति के सदस्यों के चुनावों को लेकर विचार किया गया। सीईए अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं। अनुमान है कि चुनाव कार्यक्रम इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगा, पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति (एआईसीसी) की बैठक फरवरी के पहले होने की संभावना नहीं है। इधर अहमद पटेल के निधन के बाद पार्टी की आंतरिक संरचना पर भी फर्क पड़ने की संभावनाएं हैं। 

यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दो दिन पहले ही गुलाम नबी आजाद ने एकबार फिर से पार्टी नेतृत्व को निशाना बनाया। बिहार चुनाव और राज्यों में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद गुलाम नबी आजाद के अलावा कपिल सिब्बल, तारिक अनवर और पी चिदंबरम ने भी अंतर्मंथन की माँग की है। तारिक अनवर ने कहा कि पार्टी हार के कारणों पर विचार करेगी।  

सीईए के एक वरिष्ठ सदस्य ने द हिन्दू को बताया कि अगले 20-25 दिन में मतदाता सूची तैयार हो जाएगी। चुनाव गोपनीय मतदान के माध्यम से होंगे। हमें इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 25 दिन और चाहिए। जैसे ही कार्यसमिति की अनुमति होगी, चुनाव प्रक्रिया शुरू कर देंगे। फिलहाल मतदाता सूची बनने के बाद इसकी जानकारी पार्टी अध्यक्ष को सौंपेंगे, जिसके बाद का फैसला उन्हें करना है। सीईए के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री हैं और उसमें कर्नाटक के कृष्ण बायरे गौडा, तमिलनाडु से लोकसभा सदस्य एस जोतिमणि, दिल्ली के अरविंदर सिंह लवली और उत्तर प्रदेश के राजेश कुमार मिश्रा शामिल हैं।