बुधवार को दो खराब खबरें एक
साथ मिलीं। राजस्थान से आए किसान गजेंद्र
सिंह की आत्महत्या और भारतीय मौसम विभाग का इस साल के मॉनसून को लेकर
पूर्वानुमान। गाँवों के लिए दोनों खबरें दहशत पैदा करने वाली हैं। हमारी 60 फीसदी फसलें
पूरी तरह बारिश के पानी पर निर्भर हैं। गजेंद्र सिंह की आत्महत्या के बारे में राय
व्यक्त करने के पहले समझना होगा कि वे हालात क्या थे जिनमें उनकी मौत हुई। क्या वे
सिर्फ धमकी देना चाहते थे? या फिर उनका इस्तेमाल किया
गया? क्या वे दुर्घटना के शिकार हुए? अफसोस इस बात का है कि मीडिया के लिए यह एक सनसनीखेज घटना
से ज्यादा बड़ी बात नहीं थी और राजनीति अपना पॉइंट स्कोर करने के लिए इस बात का इस्तेमाल करना चाहती है।
- 20 अप्रैल 2015