माखन लाल बिंदरू |
जम्मू-कश्मीर में हाल में हुई नागरिकों की हत्याओं से कुछ सवाल खड़े होते हैं। पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादियों के ज्यादातर हमले सुरक्षाबलों पर होते थे। इन हमलों के दौरान वे मारे भी जाते थे, क्योंकि सुरक्षाबल उन्हें जवाब देते थे, पर अब वे वृद्धों, स्त्रियों और गरीब कारोबारियों की हत्याएं कर रहे हैं, जो आत्मरक्षा नहीं कर सकते। इसका एक अर्थ है कि आतंकवादी परास्त हो रहे हैं और अब वे अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए सॉफ्ट टार्गेट को निशाना बना रहे हैं, जिसमें जोखिम कम है और दहशत फैलाने की सम्भावनाएं ज्यादा हैं। इसके अलावा यह भी समझ में आता है कि पाकिस्तान से इनके लिए कुछ नए संदेश प्राप्त हो रहे हैं।
यह रणनीति
क्या है और इसके पीछे उद्देश्य क्या हैं, इसे समझने की जरूरत है। अलबत्ता
पाक-परस्त द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इन हत्याओं
की जिम्मेदारी ली है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों का मानना है कि TRF
लश्कर-ए-तैयबा का ही एक फ्रंट है जिसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद
को स्थानीय कश्मीरियों का मूवमेंट बताकर प्रोजेक्ट करने के लिए खड़ा किया है। ऐसे
में पाकिस्तान की मंशा साफ समझी जा सकती है। इस साल सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में
आतंकियों ने दो दर्जन लोगों की हत्याएं की हैं।
टीआरएफ ने गत 2 अक्तूबर को हुई माजिद अहमद
गोजरी और मोहम्मद शफी डार की हत्याओं की जिम्मेदारी भी ली थी। इस तरह पाँच दिन में
सात नागरिकों की हत्याएं हुई हैं। बिंदरू की हत्या के बाद जारी बयान में टीआरएफ
ने कहा कि बिंदरू दवाइयों के धंधे की आड़ में काम कर रहा था और दूसरी तरफ आरएसएस
की सहायता से सीक्रेट सेमिनारों को चलाता था। उसने यह सब बन्द करने से इनकार कर
दिया था।
शिक्षकों की हत्या
मंगलवार को आतंकवादियों ने तीन अलग-अलग
वारदातों में तीन लोगों की हत्या कर दी। इसके बाद गुरुवार को श्रीनगर के ईदगाह
इलाके में आतंकवादियों ने एक सरकारी विद्यालय के दो शिक्षकों की गोली मार कर हत्या
कर दी। इनमें एक महिला विद्यालय की प्रधानाचार्य थी। मृतकों में स्कूल की
प्रिंसिपल सुपिन्दर कौर और कश्मीरी पंडित शिक्षक दीपक चंद शामिल हैं।
इन हत्याओं के बाद कश्मीर में अल्पसंख्यक हिन्दू और सिख समुदायों के बीच भय का माहौल है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि इन हत्याओं के पीछे के लोगों का जल्द ही परदाफाश किया जाएगा। कायरता के यह कृत्य कश्मीर घाटी में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने का एक प्रयास है।