भारत-उदय-06
भारत की आर्थिक-प्रगति और वैश्विक-मंचों पर उसकी भूमिका को देखते हुए यह कहा जाने लगा है कि भारत आज नहीं तो कल ‘सुपर-पावर’ होगा. कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि वह अगले दशक में और कुछ मानते हैं कि 2025 तक ‘सुपर-पावर’ की श्रेणी में आ जाएगा. कुछ मानते हैं कि वह ‘सुपर-पावर’ है.
पहला सवाल यही होना चाहिए कि ‘सुपर-पावर’ से आपका मतलब क्या है? सच यह है कि किसी भी देश का सम्मान केवल उसके उदात्त आदर्शों के कारण नहीं होता. उसके दो तत्व बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. एक, राष्ट्रीय हितों की पूर्ति और दूसरा राष्ट्रीय-शक्ति. कमजोर देश अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा नहीं कर सकते. अंतरराष्ट्रीय राजनीति के प्रसिद्ध अध्येताओं में एक हैंस जोकिम मॉर्गेनथाऊ ने इसीलिए राष्ट्रीय शक्ति को यथार्थ से जोड़ने का सुझाव दिया था.