हाल में बने नए राजनीतिक गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव एलायंस) की इस हफ्ते मुंबई में होने वाली तीसरी बैठक एक तरफ इसके राजनीतिक विचार को स्पष्ट करने और संगठनात्मक आधार को मजबूत करने का काम करेगी, वहीं इसके अंतर्विरोध भी खुलेंगे। 31 अगस्त और 1 सितंबर को दो दिन चलने वाली इस महाबैठक में गठबंधन के लोगो को लॉन्च करने की योजना भी है। गठबंधन के नाम के बाद इस गतिविधि का महत्व प्रचारात्मक ज्यादा है। ज्यादा बड़ा काम अभी तक नेपथ्य में ही है। वह है उस गणित की रूपरेखा, जिसपर यह गठबंधन खड़ा होने वाला है।
दो महत्वपूर्ण सवालों के जवाब भी इस बैठक में मिलेंगे। क्या यह गठबंधन राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों में एक होकर उतरेगा या यह गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए बन रहा है? दूसरे चुनाव में अलग-अलग चुनाव-चिह्नों के साथ इसकी एकरूपता किस प्रकार से व्यक्त होगी? कुछ पहेलियाँ और हैं। मसलन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के रिश्ते। क्या आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में उतरेगी? अकेले या कांग्रेस के सहयोगी दल के रूप में? क्या लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी गुजरात में उसे सीटें देगी? ऐसे ही सवाल बंगाल की राजनीति को लेकर हैं। महाराष्ट्र में एनसीपी खुद पहेली बनी हुई है।