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नवंबर के पहले सोमवार के बाद पड़ने वाला मंगलवार अमेरिका में ‘चुनाव दिवस’ होता है. आगामी 8 नवंबर को वहाँ मध्यावधि चुनाव होंगे. आमतौर पर भारतीय मीडिया की दिलचस्पी वहाँ के राष्ट्रपति चुनाव में होती है, पर अमेरिका की आंतरिक राजनीति में मध्यावधि चुनावों की जबर्दस्त भूमिका होती है. इसके परिणामों से पता लगेगा कि अगले दो साल देश की राजनीति और संसद के दोनों सदनों की भूमिका क्या होगी.
अमेरिकी प्रतिनिधि सदन (हाउस ऑफ
रिप्रेजेंटेटिव्स) का कार्यकाल दो साल का होता है और सीनेट के सदस्यों का छह साल
का, जिसके एक तिहाई सदस्यों का चक्रीय पद्धति से हर दो साल बाद चुनाव होता है. दोनों
सदनों की भूमिका देश का राजनीतिक एजेंडा तय करने की होती है.
हालांकि अभी तक डेमोक्रेटिक पार्टी दोनों सदनों
से अपने काम निकाल ले रही थी, पर अब दोनों ही सदनों में उसके पिछड़ने का अंदेशा
है. जो बाइडन की लोकप्रियता में भी गिरावट है. ये बातें 2024 के राष्ट्रपति चुनाव
के परिणाम को प्रभावित करेंगी.
लोकप्रियता का पैमाना
राष्ट्रपति का कार्यकाल चार साल का होता है और
उसके पद संभालने के दो साल बाद चुनाव होते हैं, इसलिए इन्हें मध्यावधि चुनाव कहा
जाता है. मध्यावधि चुनाव एक मायने में राष्ट्रपति की लोकप्रियता का पैमाना होता
है. इन चुनावों में मतदान का प्रतिशत कम होता है, पर जब राजनीतिक हवा तेज होती है,
तब प्रतिशत बढ़ भी जाता है. इस साल के मतदान प्रतिशत से भी पता लगेगा कि देश का
राजनीतिक माहौल कैसा है.
इसबार के चुनाव कुछ और वजहों से महत्वपूर्ण हैं.
सामाजिक दृष्टि से देश बुरी तरह विभाजित है और अर्थव्यवस्था मंदी का सामना कर रही
है. रिपब्लिकन पार्टी फिर से सिर उठा रही है. मध्यावधि चुनावों के परिणाम आमतौर पर
राष्ट्रपति की पार्टी के खिलाफ जाते हैं. इस चुनाव में हिंसा भड़कने की आशंका भी
है. चुनाव के मात्र एक सप्ताह पहले 28 अक्तूबर को प्रतिनिधि सदन की स्पीकर नैंसी
पेलोसी के पति पर हमला हुआ है.
प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे में देश के 77
फीसदी पंजीकृत वोटरों ने माना कि वोट देते समय आर्थिक मसले सबसे महत्वपूर्ण होंगे.
सितंबर के महीने में देश की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 8.2
फीसदी थी. देश की गन पॉलिसी भी चिंता का विषय है. आए दिन गोलियों से होने वाली
मौतों के विवरण प्रकाशित होते रहते हैं.
दो सदन, दो व्यवस्थाएं
अमेरिकी संसद के दो सदन हैं. हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स में 435 सदस्य होते हैं. और दूसरा है, सीनेट, जिसमें 100 सदस्य होते हैं. हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स की सभी 435 सीटों के चुनाव होंगे. सीनेट की चक्रीय व्यवस्था के तहत हर दो साल पर एक तिहाई सीटों पर चुनाव होते हैं. इसबार 34 सदस्यों का चुनाव होगा, जो छह साल के लिए चुने जाएंगे.