सन 2020 को इतिहास के निर्ममतम वर्षों में गिना जाएगा। इस वर्ष का प्रारंभ वैश्विक महामारी के साथ हुआ था और अब इसका अंत उस महामारी के खिलाफ लड़ाई में विजय के पहले कदम के रूप में हो रहा है। हाल में खबर थी कि ब्रिटेन ने फायज़र की वैक्सीन को स्वीकृति दे दी है। अब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अगले कुछ हफ्तों के भीतर भारत में भी वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।
उधर खबर यह भी है
कि फायज़र ने भारत के ड्रग कंट्रोलर से अपनी वैक्सीन के आपातकालीन
इस्तेमाल की अनुमति माँगी है। यानी ब्रिटेन के बाद भारत दुनिया का दूसरा देश
है, जिससे फायज़र ने अनुमति माँगी है और यदि यह अनुमति मिली, तो पश्चिमी देशों में
विकसित वैक्सीन का इस्तेमाल करने वाला भारत दुनिया में दूसरा देश बन जाएगा।
वैक्सीन के बन जाने से क्या समस्या का पूरी तरह समाधान हो जाएगा? कितने लोगों तक वैक्सीन पहुँच पाएंगी? इनकी कीमत क्या होगी? जनता तक कौन इन्हें पहुँचाएगा? कितनी प्रभावशाली होंगी ये वैक्सीन? कितने समय तक इसका असर रहेगा? क्या पूरी दुनिया के लोगों को वैक्सीन लगानी होगी? नहीं, तो फिर कितने लोगों को इन्हें लगाया जाएगा?