ग्रेटर हैदराबाद नगर निकाय चुनाव के प्रचार में अमित शाह और योगी आदित्य नाथ के उतर जाने के बाद देश का ध्यान इस तरफ गया है। आखिर क्या बात है इस चुनाव में? देश के गृहमंत्री को स्थानीय निकाय चुनाव के प्रचार में जाने की जरूरत क्यों पड़ी? इसके राजनीतिक कारण भी साफ हैं। बीजेपी को तेलंगाना में प्रवेश का रास्ता नजर आ रहा है। मुकाबले में टीआरएस, कांग्रेस और AIMIM के शामिल हो जाने से यह इतना खुला चुनाव हो गया है कि बीजेपी को सफलता के आसार नजर आ रहे हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को तब धक्का लगा, जब AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवेसी ने कहा कि ग्रेटर हैदराबाद के निकाय चुनाव हम अकेले ही लड़ेंगे। उनके अनुसार ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां टीआरएस AIMIM से प्रतिस्पर्धा कर रही है, और ऐसे में दोनों का साथ आना श्रेयस्कर नहीं होगा। यों भी बिहार की सफलता के बाद AIMIM अपनी ताकत के विस्तार को दिखाना चाहती है। उसे पता है कि बहुमत नहीं मिलेगा, पर एक हैसियत बनेगी। यही उसका लक्ष्य है। इस चुनाव में टीआरएस 150 सीटों पर, बीजेपी 149 और कांग्रेस 146 पर चुनाव लड़ रही है। AIMIM ने 51 प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं।