दुनिया के कई देशों, खासकर यूरोप और अफ्रीका में कोरोना की एक और लहर ने दस्तक दी है। फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी में फिर लॉकडाउन, कर्फ्यू समेत कई तरह की बंदिशें लगाई जा रही हैं। अलबत्ता भारत में लॉकडाउन खत्म हो रहा है। कोरोना के हालात सुधरे हैं। नए केसों की संख्या कम हो रही है, रिकवरी रेट बढ़ा है और मरने वालों की संख्या कम हुई है। तीनों पैमानों पर सुधार के बावजूद अंदेशा है कि अगले दो-एक महीनों में एक लहर और आ सकती है। ठंड बढ़ने, त्योहारी भीड़ बढ़ने और बिहार-चुनाव के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के लगातार उल्लंघनों के कारण इस अंदेशे को बल मिला है।
चीन, जापान,
दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और हांगकांग का रिकॉर्ड फिलहाल सबसे अच्छा है। दुनिया की
सबसे सघन आबादी एशिया में रहती है, फिर भी पश्चिमी देशों की तुलना में यहाँ का
रिकॉर्ड अच्छा है। इसके पीछे छिपे अनेक कारणों में से एक यह भी है इस इलाके के
लोगों ने टीकाकरण को बेहतर तरीके से अपनाया है। पश्चिमी देशों में टीकों का विरोध
होता है।
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार 20 अक्तूबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट जारी की, जिसके मुताबिक यूके, यूएस, स्पेन, फ्रांस समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है। यहां संक्रमितों की संख्या में तेजी देखी गई है। न्यू एंड इमर्जिंग रेस्पिरेटरी वायरस थ्रैट्स एडवाइजरी ग्रुप के अध्यक्ष एवं ब्रिटेन सरकार के सलाहकार पीटर हॉर्बी ने कहा है कि बढ़ते मामले को देखते हुए एक बार फिर राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाया जा सकता है।