पिछले कुछ महीनों से
कांग्रेस पार्टी के आक्रामक तेवर और विपक्षी दलों के साथ उसके बेहतर तालमेल के कारण भारतीय राजनीति में बदलाव का संकेत
मिल रहा है. पिछले एक साल में नरेंद्र मोदी की सरकार की लोकप्रियता में गिरावट के
संकेत मिल रहे हैं.
बीजेपी सरकार की रीति-नीति
के अलावा कांग्रेस की बढ़ती आक्रामकता भी इस गिरावट का कारण है. पर यह आभासी
राजनीति है. इसे राजनीतिक यथार्थ यानी चुनावी सफलता में तब्दील होना चाहिए. क्या अगले
कुछ वर्षों में यह पार्टी कोई बड़ी सफलता हासिल कर सकती है?
कैसे होगा बाउंसबैक?
फिलहाल कांग्रेस
इतिहास के सबसे नाज़ुक दौर में है. देश के दस से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से लोकसभा
में उसका कोई प्रतिनिधि नहीं है. सन
1967, 1977, 1989, 1991 और 1996 के साल कांग्रेस की चुनावी लोकप्रिय में गिरावट के
महत्वपूर्ण पड़ाव थे. पर 2014 में उसे अब तक की सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा.