हरियाणा कैडर के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के प्रति हरियाणा सरकार की विपरीत टिप्पणी और ग्रेडिंग को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति ने समीक्षा प्राधिकार द्वारा दी गई ग्रेडिंग को बहाल कर दिया है। यह खबर ाज कुछ अखबारों में है, पर विस्तार से नहीं है। इस किस्म की घटनाएं भविष्य में याद की जाएंगी, क्योंकि अभी ह्विसिल ब्लोवर संरक्षण कानून बना नहीं है। अरुणाचल प्रदेश के किशोर की दिल्ली में हत्या की खबर आज के अखबारों में प्रमुखता से है। 'आप' ने अपनी सूची में सोनिया और नरेंद्र मोदी के नाम भी शामिल किए, यह भी आज की खास खबर है। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर मामले में यूपीए सरकार के उच्च स्तरीय नेताओं को प्रभावित करने की खबर भी आज है। तीसरा मोर्चा बनाने के लिए 5 फरवरी को दिल्ली में बैठक बुलाए जाने की खबर भी आज की सुर्खियों में है। देखें आज की कतरनें
Sunday, February 2, 2014
और अब एक और संघीय मोर्चे की तैयारी
हरियाणा कैडर के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के प्रति हरियाणा सरकार की विपरीत टिप्पणी और ग्रेडिंग को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति ने समीक्षा प्राधिकार द्वारा दी गई ग्रेडिंग को बहाल कर दिया है। यह खबर ाज कुछ अखबारों में है, पर विस्तार से नहीं है। इस किस्म की घटनाएं भविष्य में याद की जाएंगी, क्योंकि अभी ह्विसिल ब्लोवर संरक्षण कानून बना नहीं है। अरुणाचल प्रदेश के किशोर की दिल्ली में हत्या की खबर आज के अखबारों में प्रमुखता से है। 'आप' ने अपनी सूची में सोनिया और नरेंद्र मोदी के नाम भी शामिल किए, यह भी आज की खास खबर है। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर मामले में यूपीए सरकार के उच्च स्तरीय नेताओं को प्रभावित करने की खबर भी आज है। तीसरा मोर्चा बनाने के लिए 5 फरवरी को दिल्ली में बैठक बुलाए जाने की खबर भी आज की सुर्खियों में है। देखें आज की कतरनें
राहुल का निर्णायक समय
राहुल गांधी के पास यह बेहतरीन मौका था जब वे अपनी बात को
अपने तरीके से देश की जनता के सामने रख सकते थे। कांग्रेस और राहुल ने अपनी छवि
बेहतर बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च किए है। पर उसका असर दिखाई नहीं पड़ रहा
है। राहुल की सरलता को लेकर सवाल नहीं है। पार्टी की व्यवस्था को रास्ते पर
लाने की उनकी मनोकामना को लेकर भी संशय नहीं है। पर वे अभी तक जो भी कह रहे हैं या
कर रहे हैं, उसका बेहतर संदेश जनता तक नहीं जा रहा है। अर्णब गोस्वामी के साथ
बातचीत में भी उन्होंने नरेंद्र मोदी पर हमला किया और उल्टे 1984 की सिख विरोधी
हिंसा का विवाद उनके गले पड़ गया।
सन 1984 और 2002 की हिंसाएं आज भी हमारी राजनीति पर हावी
हैं। बेशक इन दोनों घटनाओं के साथ महत्वपूर्ण बातें जुड़ीं हैं। पर राजनीति सिर्फ
इतने तक सीमित नहीं रह जाएगी। हमें भविष्य की ओर भी देखना चाहिए। लगता है कि राहुल
गांधी कांग्रेस को घेरने वाले जटिल सवालों की गम्भीरता से या तो वे वाकिफ नहीं
हैं, वाकिफ होना नहीं चाहते या पार्टी और सरकार ने उन्हें वाकिफ होने नहीं दिया
है। पिछले महीने ही कांग्रेस पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय पब्लिक रिलेशंस कम्पनी
बर्सन-मार्सटैलर और जापानी मूल की विज्ञापन कम्पनी डेंत्सु इंडिया को पार्टी की
छवि सुधारने का काम सौंपा है। लगभग 500 करोड़ के बजट के इस काम का परिणाम कुछ समय
में देखने को मिलेगा, पर राहुल का पहला इंटरव्यू कोई सकारात्मक संदेश देकर नहीं
गया।
Saturday, February 1, 2014
केजरीवाल ने जारी की राजनीति की सूची, दिल्ली में बिजली का झटका
हिंदू में केशव का कार्टून परीकथा प्रिंसेस एंड द पी की तरह राजकुमारी परीक्षा के लिए रखा गया मटर का दाना आप |
मंजुल का कार्टून |
नवभारत टाइम्स
Friday, January 31, 2014
गैस सिलेंडर ने आर्थिक सुधार को अँगूठा दिखाया. चुनाव के पहले का शोर
आंध्र की नूरा-कुश्ती पर सुरेंद्र का हिंदू में कार्टून |
नवभारत टाइम्स
Thursday, January 30, 2014
1984 के दंगों पर फँसी कांग्रेस और एनसीपी की मोदी पर असहमति
धारा 377 पर मंजुल का कार्टून |
नवभारत टाइम्स
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